मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को दिए यह निर्दश, कहा…
शिमला/MAR 25, 2022
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में शिमला से लोक निर्माण विभाग की बैठक वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में सड़कों की स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों विशेषकर मुख्य अभियन्ताओं तथा अधीक्षण अभियन्ताओं को नियमित रूप से फील्ड का दौरा कर प्रदेश की सड़कों के रख-रखाव की प्रगति की समीक्षा के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य अभियन्ता अपने जोन में हो रहे सड़कों के रख-रखाव की प्रगति की निरंतर निगरानी कर उच्च अधिकारियों को समय-समय पर इस सम्बन्ध में सूचित करते रहें।
उन्होंने कहा कि सड़कों को पक्का करने के कार्यों की निविदाओं में किसी भी प्रकार के विलम्ब को गम्भीरता से लिया जाएगा तथा इसके दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जिससे यात्रियों को असुविधा न हो। जय राम ठाकुर ने सड़कों को प्रदेश की जीवन रेखाओं की संज्ञा देते हुए कहा कि पहाड़ी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्रदेश में आवागमन के सीमित साधन हैं, जिसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार सड़क निर्माण तथा इसके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दे रही है।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर नवीनीकरण, पैचवर्क और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नाबार्ड और अन्य सड़कों की टारिंग करके सड़कों की स्थिति में सुधार के लिए गम्भीर प्रयास करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को सुविधा मिल सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने राज्य और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों के लिए निर्धारित लक्ष्यों में से वार्षिक रख-रखाव योजना 2021-22 के अन्तर्गत 75 प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लिया है, जिस पर 228 करोड़ रुपये खर्च कर 1798 किलोमीटर सड़कों पर कार्य किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के रख-रखाव और अन्य संबंद्ध गतिविधियों के लिए वार्षिक रख-रखाव योजना 2022-23 के अन्तर्गत 1950.59 किलोमीटर सड़कों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि बिटुमिन गतिविधियों के लिए राज्य में 131 संयंत्र हैं, जिनमें से 63 संयंत्रों ने कार्य करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को शेष संयंत्रों को शीघ्र अति शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।