मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने की निर्वाचन व्यय निगरानी के सम्बन्ध में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बैठक
शिमला, 7 अक्तूबर। मण्डी संसदीय क्षेत्र तथा फतेहपुर, अर्की और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्रों के उपनिर्वाचन के दृष्टिगत आज शिमला में मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी.पालरासू की अध्यक्षता में निर्वाचन व्यय निगरानी के सम्बन्ध में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों को निर्वाचन व्यय निगरानी नियमावली के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। चुनाव प्रचार के लिए स्टार कैम्पेनर की संख्या राष्ट्रीय दलों के लिए 20 तथा राज्य स्तरीय दलों के लिए 10 निर्धारित की गई है और इनकी सूची निर्वाचन अधिसूचना जारी होने की तिथि से 10 दिनों के भीतर उपलब्ध करवानी होगी।
उन्होंने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार राजनीतिक दलों को उनके प्रत्याशी चयनित होने की तिथि से 48 घण्टे के भीतर अथवा नामांकन की प्रथम तिथि से दो सप्ताह पूर्व, जो भी पहले हो, की अवधि में उन पर चल रहे मामलों की सार्वजनिक जानकारी देनी होगी। राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर ऐसे प्रत्याशियों के लम्बित आपराधिक मामलों का विवरण देना होगा और साथ ही ऐसे प्रत्याशी को चयनित करने के कारण भी बताने होंगे। यह जानकारी एक स्थानीय और एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित करवाने के अलावा राजनीतिक दल के अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म जिसमें फेसबुक और ट्वीटर भी शामिल हैं, पर भी दर्शानी होगी। राजनीतिक दलों को इस बारे में प्रत्याशी चयन के 72 घण्टे की अवधि में इसकी अनुपालना रिपोर्ट चुनाव आयोग को जमा करवानी होगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को कोविड-19 नियमों की कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। घर-घर प्रचार के दौरान प्रत्याशी सहित केवल पांच लोगों को ही प्रचार की अनुमति होगी। रोड-शो, मोटर/बाइक/साइकिल रैली की अनुमति नहीं होगी। वर्चुअल माध्यम से प्रचार के दौरान एक स्थान पर 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक रहेगी और इस दौरान कोविड-19 नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी।
कोविड-19 सावधानियों के दृष्टिगत चुनाव प्रचार की अवधि प्रातः 10:00 बजे के बाद सायं 7:00 बजे तक निश्चित की गई है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे लोगों को अधिक से अधिक मताधिकार के लिए प्रोत्साहित करें।