शिमला, 29 सितंबर। जाइका इंडिया द्वारा राज्यों में जापान सरकार की मदद से चलाई जा रही वानिकी और एन.आर.एम. परियोजनाओं की समीक्षा के लिए 27 से 29 सितम्बर तक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से 12वीं परियोजना निदेशक की बैठक आयोजित की गई। इस कांफ्रेंस का संचालन जाइका इंडिया कार्यालय के मुख्य विकास विशेषज्ञ विनीत सरीन ने किया।
इस वर्चुअल बैठक में देश के विभिन्न राज्यों में जापान सरकार की मदद से चलाई जा रही परियोजनाओं के बारे में जानकारी ली गई। मुख्य रूप से सतत् आजीविका और अंतर क्षेत्रीय अभिसरण पर सभी राज्यों में किए गए कार्यक्रमों पर राज्य के परियोजना निदेशकों द्वारा प्रस्तुति दी गई। प्रदेश के अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक (जाइका) नागेश कुमार गुलेरिया ने हिमाचल प्रदेश में आजीविका संवर्धन पर किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।
जाइका इंडिया ने प्रदेश में वानिकी परियोजना के अन्तर्गत किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिमाचल में क्षेत्रीय विशेष आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि स्थानीय निवासी लाभान्वित हो सकें। इसके अतिरिक्त जाइका परियोजना द्वारा वन विभाग के साथ मिलकर किए जा रहे अभिसरण से जल भंड़ारण योजना के तहत टैंक, जल भंड़ारण संरचना, चेक डैम इत्यादि का निर्माण, एचपीएसआरएलएम के मौजूदा विपणन ढांचे का उपयोग, परियोजना क्षेत्र में कृषि आधारित आजीविका गतिविधियों में अधिकतम लाभ अर्जित करने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों व अनुसंधान संस्थानों से सहयोग एवं वनों से अत्याधिक दोहन तथा अन्य कई कारणों से जड़ी-बूटियों के अपघटन की रोकथाम की दिशा में हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबधन एवं आजीविका सुधार परियोजना के अतंर्गत पी.एम.यू. स्तर पर जड़ी-बूटी प्रकोष्ठ के गठन की भी सराहना की गई।