चार साल बाद भाजपा को आई जुब्बल-नावर-कोटखाई की याद

चार साल बाद भाजपा को आई जुब्बल-नावर-कोटखाई की याद

शिमला, 12 सितंबर। चार वर्षों तक जुब्बल-नावर-कोटखाई  की सुध तक नहीं ली और उपचुनाव को देखते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को अब क्षेत्र की याद आई हैं। यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल-नावर-कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, ब्लॉक कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष मुन्नीलाल नरसेठ, पंचायत समिति जुब्बल-कोटखाई  की अध्यक्षा रेखा चौहान, देविन्दर नेगी सहित अन्य नेताओं एक संयुक्त ब्यान में कही।

नेताओं ने कहा कि सुरेश भारद्वाज के जिला शिमला से एकमात्र मंत्री होने से जहां सम्पूर्ण जिले के प्रति उनकी जिम्मेदारी बनती थी वहीं उनके कार्यकलापों से समस्त जिला शिमला के साथ जुब्बल-नावर-कोटखाई की जनता को भी घोर निराशा हाथ लगी है। एक ओर जयराम सरकार जिला शिमला के साथ हर क्षेत्र में भेदभाव करती रही दूसरी ओर सुरेश भारद्वाज धृतराष्ट्र बनकर देखते रहे। चार वर्षो के कार्यकाल में सुरेश भारद्वाज एक बार भी आधिकारिक दौरे पर जुब्बल-नावर-कोटखाई नहीं आए और अब उपचुनाव को देखते हुए हितैषी बनने का नाटक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरेश भारद्वाज के पास शिक्षा जैसा महत्वपूर्ण विभाग रहा और इनके कार्यकाल में जिला शिमला में एक शिक्षण संस्थान खुलना तो दूर की बात है प्रदेश भर में जिला शिमला के स्कूलों में सर्वाधिक अध्यापकों के पद रिक्त रहे।

उन्होंने कहा कि ऊपरी शिमला के बागवानों को उम्मीद थी कि सुरेश भारद्वाज सेब पर आए संकट को दूर करने के लिए पहल करेंगे लेकिन वरिष्ठ मंत्री के नकारात्मक ब्यान से उनके ज्ञान और रूचि का पता चलता है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने अपने बयान से जले पर नमक छिड़कने का काम किया है जो बागवानों के प्रति उदासीनता को दर्शाता हैं। उन्होंने कहा कि कीटनाशक-फफूंदनाशक दवाइयों पर अनुदान ख़त्म करना भाजपा सरकार का बागवान विरोधी निर्णय है।