शिमला, 6 सितंबर। भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सेक्टर मुख्यालय शिमला के पर्वतारोहण अभियान का फ्लैग-इन कार्यक्रम आज राजभवन शिमला में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने की।
एक 28 सदस्यीय दल 6794 मीटर ऊंची ग्या चोटी पर पहुंचने में सफल रहा। इस चोटी को चढ़ने की दृष्टि से सबसे कठिन और तकनीकी चोटियों में से एक माना जाता है। इस दल को 24 जुलाई 2021 को आईटीबीपी के क्षेत्रीय मुख्यालय शिमला के डीआईजी प्रेम सिंह ने झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह दल चुमार के लिए रवाना हुआ और कठिन और दुर्गम मार्ग के बाद 12 अगस्त को इस दल ने शिखर को फतह किया। दल के नौ सदस्यों ने उप-कमांडर कुलदीप सिंह और सहायक कमांडर अनमोल श्रीवास के नेतृत्व में चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की। दल में वयोवृद्ध सदस्य जिला किन्नौर के सीमावर्ती गांव छितकुल के हेड कांस्टेबल प्रदीप नेगी थे, जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को भी सफलतापूर्वक दो बार फतह किया है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने विजयी दल के सभी सदस्यों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस तरह के अभियान न केवल सैनिकों में नेतृत्व, जुड़ाव, अनुशासन और आत्मविश्वास का विकास करते हैं बल्कि अनिश्चित और महत्वपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता भी बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि पर्वतारोहण अभियान पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करते हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में किए गए विभिन्न राहत व बचाव कार्यों और भारत-तिब्बत सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए आईटीबीपी की सराहना की। आर्लेकर ने कहा कि आईटीबीपी के जवान कठिन और दुर्गम परिस्थितियों में उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे हैं और हम सभी को उन पर गर्व है।
डीआईजी प्रेम सिंह ने राज्यपाल को बताया कि आईटीबीपी की साहसिक खेलों जैसे रॉक क्लाइंबिंग, पर्वतारोहण, स्कीइंग, रिवर-राफ्टिंग, माउंटेन बाइकिंग और पैराग्लाइडिंग आदि में विशेषज्ञता है और यह विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी कर्मियों ने विभिन्न अवसरों पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेकर और जीतकर देश को गौरवान्वित किया है।
अभियान दल ने पर्वतारोहण उपकरण भी प्रदर्शित किए जिसमें राज्यपाल ने गहरी रुचि दिखाई।