सरकार तुरंत हस्तक्षेप करें : रोहित ठाकुर
शिमला, 26 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में पिछले दो-तीन हफ्तों में सेब के दामों में 700 से 1000 रुपए की भारी गिरावट आई है जो बागवानी क्षेत्र के लिए बेहद चिंताजनक है। यह बात पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व जुब्बल-नावर-कोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने आज शिमला से जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी जब अदानी एग्रो ने सेब के दाम तय किए थे तो मंडियों में सेब के मूल्यों में भारी गिरावट आई थी जबकि पिछले वर्ष सेब की फसल भी कम थी। गत्त वर्ष के कटु अनुभव के वाबजूद सरकार अदानी एग्रो और सेब मंडियों पर नियंत्रण करने में विफल रही हैं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि गत वर्ष अदानी एग्रो ने बागवानों से 88 रुपए प्रति किलो की दर से सेब खरीदा था और इस बार इसी अदानी एग्रो ने 72 रुपए प्रति किलो की दर से सेब खरीद रहा है। उन्होंने कहा कि अदानी एग्रो ने इस वर्ष जो सेब के दाम तय किए हैं उसी दाम पर वर्ष 2014 में सेब ख़रीदा गया था। गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अदानी एग्रो ने सेब के दाम 20 प्रतिशत कम किए हैं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों-बागवानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखकर लगता है कि आय में दोगुनी कटौती होनी निश्चित है। रोहित ठाकुर ने सेब के घटते दामों से उत्पन्न हुए संकट से निपटने के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार अदानी एग्रो प्रबंधन से बातचीत कर सेब का उचित मूल्य निर्धारित करें जिससे सेब मंडियों में स्थिरता आएगी और बागवानों को सेब का वाजिब दाम मिल सके।
रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार सेब पैकिंग सामग्री के दामों को नियंत्रित करने में विफ़ल रही हैं। अब कार्टन फैक्टरियों द्वारा अप्रत्याशित बढ़ोतरी से प्रति कार्टन पेटी और ट्रे की कीमत 25 से 30 रुपये तक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कार्टन फैक्टरी गुम्मा को कबाड़ के भाव में बेचा जिसका खामियाजा आज बागवानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि फफूंदनाशक, कीटनाशक दवाइयों पर बागवानों को मिलने वालें अनुदान को भी भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में ‘बाज़ार हस्तक्षेप योजना’ लागू किया जाए जिससे सेब के दामों में स्थिरता आएगी और बागवानों को भी योजना का सीधा लाभ मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एमआईएस के तहत बागवानों से 9.50 रुपए किलो की दर पर सेब खरीद रही है और पैट्रोल-डीजल के मूल्यों में वृद्धि से बढ़े हुए किराए का भुगतान कर रही है। रोहित ठाकुर ने कहा कि एक ओर जहां दिन-प्रतिदिन लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं वहीं सरकार परमाणू सेब विक्रय केंद्र में एक रुपए के हिसाब से सेब बेच रही है जिससे मंडियों में सेब के दाम लगातार गिर रहे हैं।