हिमाचल के 13 निगम व बोर्ड घाटे में
बिजली बोर्ड का घाटा लगभग 2044 करोड़ पर पहुंचा
शिमला, 13 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के 13 निगम एवं बोर्ड इस समय घाटे में चल रहे हैं। इनमें सबसे अधिक हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड का घाटा 2,043.85 करोड़ रुपए पहुंच गया है। इसके अलावा हिमाचल पथ परिवहन निगम को 1,232.48 करोड़ रुपए व वित्त निगम को 166.56 करोड़ रुपए का घाटा आंका गया है। विधानसभा में वर्ष, 2018-19 की कैग रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। उल्लेखनीय है कि सरकार की तरफ से इनमें से कई निगम-बोर्डों में अध्यक्ष-उपाध्यक्षों की तैनाती की गई है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा के पिछले सत्र में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी गई थी कि प्रदेश में घाटे में चल रहे 11 निगम एवं एक बोर्ड में अध्यक्ष-उपाध्यक्षों पर बीते 3 साल में बड़ी राशि खर्च की गई थी, जिसमें पर्यटन निगम में 2.67 लाख रुपए, ऊर्जा निगम में 5.45 लाख रुपए, एस.सी. व एस.टी. निगम में 13.33 लाख रुपए, एच.पी.एम.सी. में 13.42 लाख रुपए, वन निगम में 30.16 लाख रुपए, एच.आर.टी.सी. में 56.75 लाख रुपए, हस्तशिल्प व हथकरघा निगम में 28.57 लाख रुपए व्यय किए गए थे।
किस निगम-बोर्ड को कितना घाटा
निगम/बोर्ड कितना घाटा
बिजली बोर्ड लिमिटेड 2,043.85 करोड़
एच.आर.टी.सी. 1,232.48 करोड़
वित्त निगम 166.56 करोड़
एच.पी.एम.सी. 86.55 करोड़
एग्रो इंडस्ट्रीयल पैकेजिंग 78.23 करोड़
वन निगम 63.02 करोड़
ऊर्जा निगम 36.87 करोड़
पर्यटन विकास निगम सीमित 22.08 करोड़
हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम सीमित 15.24 करोड़
एग्रो इंडस्ट्री 14.25 करोड़
विद्युत संचरण निगम सीमित 12.14 करोड़
एच.पी. वर्सेटेड मिल्ज लिमिटेड 5.44 करोड़
अल्पसं यक वित्त एवं विकास निगम 4.77 करोड़