नियम-62
हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात से अब तक 126 मकान पूरी तरह ध्वस्त
शिमला, 12 अगस्त। ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि प्रदेश में भारी बरसात से अब तक 1306 कच्चे व पक्के घर, गऊशालाएं और दुकानें पूरी तरह व आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें से 126 कच्चे व पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसके अलावा 644 मकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है, जबकि 536 दुकानें व गऊशालाएं भी नष्ट हुई हैं। इस नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य आपदा राहत कोष से 17 करोड़ रुपए जारी किए हैं। वीरेंद्र कंवर आज विधानसभा में नियम 62 के तहत विधायक अरूण कुमार द्वारा प्रदेशभर में भारी वर्षा से घरों को हुए नुकसान तथा मरम्मत के लिए त्वरित आर्थिक सहायता न मिलने के मुद्दे पर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण घरों को होने वाले नुकसान के लिए हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली व भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार केवल राहत राशि ही प्रदान की जाती है। यह किसी तरह का मुआवजा नहीं है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा में किसी का मकान पूरी तरह ध्वस्त हो जाता है तो उसे तुरंत दो लाख रुपए की राहत राशि देने का प्रावधान है। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति का बीपीएल अथवा किसी अन्य वर्ग से होना जरूरी नहीं है।
इससे पूर्व, अरूण कुमार ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि प्रदेशभर में हुई भारी बरसात से हुए नुकसान से उनका चुनाव क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि उनके चुनाव क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और उन्हें किराए के मकानों में रहना पड़ रहा है। अरूण कुमार ने ऐसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर मकान उपलब्ध करवाने की मांग की, जिनके मकान गिर गए या फिर गिरने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में बीपीएल परिवारों का नए सिरे से सर्वे होना चाहिए, ताकि पात्र लोग इसमें शामिल हो सकें और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।







