प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के मुद्दे पर हिमाचल विधानसभा में हंगामा

प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के मुद्दे पर हिमाचल विधानसभा में हंगामा

शिमला, 9 अगस्त। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज के बीच जहां तीखी नोक-झोंक हुई, वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को यहां तक कहना पड़ा कि यदि इस मुद्दे पर यही स्थिति रही तो विधानसभा में प्वाइंट ऑफ ऑर्डर की कभी न खत्म होने वाली स्थिति पैदा हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के जरिए केवल बहुत आवश्यक मामले ही उठाए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो जीरो आवर के बारे में सोचा जाना चाहिए। उन्होंने विपक्षी सदस्यों द्वारा एक साथ कई-कई प्वाइंट ऑफ आर्डर पूछने पर एतराज जताया।

वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब तक नई व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक प्वाइंट ऑफ आर्डर की व्यवस्था जारी रखी जाए।

इसी मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष फैसला करें कि उनकी ओर से प्वाइंट ऑफ ऑर्डर किसने पूछना है। उन्होंने यह भी कहा कि नियमों में प्वाइंट ऑफ ऑर्डर का कोई प्रावधान नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्य नियम के तहत चर्चा ला सकते हैं, जिस पर उन्हें अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा।

इससे पूर्व प्रश्नकाल समाप्त होते ही भाजपा की ओर से नरेंद्र ठाकुर और कांग्रेस के कर्नल धनीराम शांडिल ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के जरिए अपना-अपना मुद्दा उठाना चाहा, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया और सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाना चाहा, लेकिन विपक्ष ने इसका जोरदार विरोध किया और जब कर्नल धनीराम शांडिल को अपनी बात नहीं रखने दी तो पूरा विपक्ष अपनी सीट पर खड़ा हो गया और शोरगुल करने लगा। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने कुछ देर सदन में नारेबाजी भी की।

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस दौरान विपक्ष द्वारा अध्यक्ष का फैसला न मानने पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष का अनादर कर रहा है। इस दौरान सुरेश भारद्वाज और मुकेश अग्निहोत्री के बीच भारी शोरगुल के बीच तीखी नोक-झोंक हुई।

बाद में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दोनों पक्षों के सदस्यों को प्वाइंट ऑफ आर्डर की इजाजत देने के बाद यह मामला शांत हुआ।