सांसद रामस्वरूप आत्महत्या मामला
शिमला, 3 अगस्त। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज पूर्व सांसद राम स्वरूप शर्मा की मौत के मामले की सीबीआई जांच करवाने का मामला गूंजा। सदन में विपक्षी दल कांग्रेस ने यह मामला उठाया, लेकिन अध्यक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए इस संबंध में लाए गए स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इससे नाराज विपक्षी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी की और वैल में आ गए। बाद में विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया।
इससे पहले कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी ने विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में पूर्व सांसद राम स्वरूप की मौत का मामला उठाना चाहा, लेकिन अध्यक्ष ने इसकी इजाजत नहीं दी और कहा कि आसन उन्हें इस मामले को उठाने की इजाजत नहीं देता। इस बीच, विपक्षी सदस्यों ने सदन में पूर्व सांसद की जांच को लेकर उठाए गए सवालों पर दिए गए बयान की कुछ प्रतियां भी लहराई और कहा कि उन्हें सदन में अपनी बात रखने दी जाए।
इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सदस्य रूल्ज के खिलाफ कार्य कर रहे हैं और वे प्रतियां लहरा नहीं सकते। उन्होंने कहा कि सदन नियमों से चलता है और सदस्य नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। उधर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एक तरफ एक हीरो के आत्महत्या मामले की सीबीआई जांच हो सकती है, लेकिन 18 लाख लोगों के प्रतिनिधियों के सांसद की मौत की जांच सीबीआई से नहीं हो सकती। उन्होंने पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है, जबकि उनके बेटे ने भी इसकी मांग की है। उन्होंने कहा कि यह मामला संवेदनशील है और इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए। अग्निहोत्री ने कहा कि रहस्यमयी परिस्थिति में यह मौत हुई है और मुख्यमंत्री ने खुद कहा था कि यदि परिवार चाहेगा तो इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाएगी।
वहीं, संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह मामला नियम 67 का मुद्दा नहीं है और रूल्ज के खिलाफ यह मामला उठाया जा रहा है। जगत सिंह नेगी ने कहा कि चार माह में जांच नहीं हुई है और न ही कॉल डिटेल निकाली गई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जांच हो रही है, उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता। लेकिन उनकी बात की सुनवाई न होने पर विपक्षी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और फिर सदन में काफी हो हल्ला होने लगा। इसके बाद विपक्षी सदस्य वैल में आए और फिर नारेबाजी करने लगे।
उधर, अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने शोरगुल के बीच कहा कि आज सुबह 9.40 बजे उन्हें पूर्व सांसद राम स्वरूप की मौत से संबंधित प्रस्ताव सदस्य जगत सिंह नेगी, सुंदर ठाकुर और नंद लाल की तरफ से नियम-67 के तहत मिला था। उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले की इस नियम के तहत चर्चा नहीं हो सकती। साथ ही कहा कि इस मामले में पिछले बजट सत्र में श्रद्धांजलि दी गई है और चर्चा भी हो चुकी है। इस बीच, विपक्षी सदस्य फिर नारेबाजी करने लगे और फिर सदन से वाकआउट कर दिया।
मामले की जांच कर रही है दिल्ली क्राइम ब्रांच
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सांसद की मौत दिल्ली में हुई है और यह उनका ज्यूरिस्डिक्शन नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच दिल्ली क्राइम ब्रांच कर रही है और अभी उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामस्वरूप शर्मा की मौत की सूचना जब उन्हें मिली तो इसका विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर परिवार से बात की थी और उन्होंने कहा था कि वे जांच में तेजी चाहते हैं। इस पर उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व से भी बात की थी। इसके बाद उनके बेटे ने इस जांच को लेकर एक बयान दिया था और कहा था कि उनके पिता आत्महत्या नहीं कर सकते। इस बयान का उन्होंने संज्ञान लिया था और फिर पार्टी नेतृत्व से मामला उठाया था। इसके बाद कोई आग्रह परिवार की तरफ से नहीं आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से मौत हुई है, प्रश्न खड़े होते हैं और उन्होंने इस मामले की जांच तेज करने को कहा है।








