सरकारी व निजी सम्पत्ति को भारी नुकसान, 387 सड़कें बंद
शिमला, 28 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में आसमान से पानी के रूप में बरस रही आफत से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। बीती रात से अब तक राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 11 लोगों की मौत हो गई है जबकि 6 लोग लापता हैं। इसके अलावा सरकारी व निजी सम्पत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है और प्रदेश में 387 सड़कें भूस्खलन और जमीन धंसने के कारण बंद हो गई हैं।
आसमान से बरस रही आफत से लाहौल स्पिति जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। जिले में बादल फटने की अलग-अलग घटनाओं में अब तक 10 लोगों की मौत हो गई है जबकि बाढ में बह गए 2 लोग अभी भी लापता हैं। जानकारी के मुताबिक लाहौल घाटी के तोजिंग नाला में जो 10 लोग बीती रात बाढ़ में बह गए थे उनमें से 7 के शव अब तक बरामद कर लिए गए हैं। इनमें से 4 लोगों की पहचान कर ली गई है जो मंडी जिला के टकोली पंचायत के रहने वाले हैं। इनमें 62 वर्षीय शेर सिंह, 41 वर्षीय रूम सिंह, 50 वर्षीय मेहर चंद और 42 नीरथ राम शामिल हैं। तीन शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। इसके अलावा बीती रात भी एक अन्य व्यक्ति की तोजिंग नाला में जबकि सीमा सड़क संगठन का दो लोगों की भी बाढ़ में बह जाने से मौत हो गई थी।
लाहौल घाटी में उदयपुर-केलांग संपर्क सड़क बादल फटने से कई नालों में आई बाढ़ के कारण जगह-जगह अवरुद्ध हो गया है। अचानक आई बाढ़ में जाहलमा नाले का पुल भी बह गया है जबकि शांशा पुल भी आज पूरी तरह बाढ़ की भेंट चढ़ गया। शांशा पुल तांदी-संसारी नाला सड़क पर स्थित है और इसके बह जाने से इस सड़क पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप्प हो गई है।
जिले के अधिकांश हिस्सों में संचार सेवाएं ठप्प हैं। उदयपुर घाटी में जाहलमा, गोहरमा, फुड़ा, कोठी व रपड़िंग गांव भारी वर्षा व बादल फटने की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा केलांग के शक्स, बिलिंग, लौट, शांशा, जाहलमा, कमरिंग व थिरोट नाले में भी बादल फटने से बाढ़ आई है। बाढ़ आने से मनाली-लेह मार्ग अवरुद्ध है। काजा ग्राम्फू मार्ग भी बादल फटने के कारण छोटा दड़ा नाले में आई बाढ़ के कारण बीती रात से बंद है और इस सड़क पर काजा से गाम्फू तथा मनाली से काजा की ओर जा रहे वाहन बातल व छैतडू में फंस गए हैं।
जिले में राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ को बुलाया गया है तथा सीमा सड़क संगठन ने भी सड़कों को खोलने का काम तेज कर दिया है। हालांकि संचार व्यवस्था ठप्प होने के कारण जिले के सभी हिस्सों से नुकसान की पूरी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।
उधर कुल्लू जिला की मणिकर्ण घाटी में आज सुबह ब्रह्म नाले में अचानक आई बाढ़ में 4 लोग बह गए। इनकी पहचान मणिकर्ण निवासी पूनम, निकुंज, विजेंद्र और दिल्ली निवासी एक पर्यटक दिनीता के रूप में हुई है। यहां राहत व बचाव दल मौके पर मौजूद है और बाढ़ में बह गए लोगों को ढूंढने का अभियान चल रहा है।
उधर चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज एक व्यक्ति पानी के तेज बहाव में बह गया। इसे तलाश करने के लिए अभियान जारी है। भारी बारिश से अलग-अलग स्थानों पर हुए भूस्खलन के कारण मंडी-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग बार-बार अवरुद्ध हो रहा है। मनाली से कटौला होकर जाने वाला मार्ग भी भूस्खलन के कारण बार-बार बंद हो रहा है। हालांकि दोनों मार्गों पर फिलहाल यातायात बहाल कर दिया गया है।
राजधानी शिमला के कुसुम्पटी क्षेत्र में बाईपास सड़क पर हुए भूस्खलन के कारण एक वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया तथा कुछ अन्य वाहनों को भी नुकसान हुआ है। जिले के ऊपरी क्षेत्र कोटखाई की गुम्मा खड्ड में बादल फटने से आई बाढ़ में कई वाहन गिरी नदी में बह गए। गुम्मा खड्ड पर निर्माणाधीन एक पैदल चलने योग्य पुल भी बाढ़ की चपेट में आकर बह गया। एक पुलिया भी इस खड्ड पर बाढ़ के पानी में बह गई। जिले की आंध्रा नदी और पब्बर नदी भी पूरे उफान पर है।
उधर सिरमौर जिला में भारी बारिश के कारण पांवटा क्षेत्र में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है और सड़कें तालाब बन गई हैं। जनजातीय जिला किन्नौर के रकछम के हुक्का नाले में आई बाढ़ का पानी ग्रामीणों के खेतों में घुस गया जिससे ओगला और फाफरा की फसलें पूरी तरह तबाह हो गई हैं।
इस बीच प्रदेश में बीते रोज से लगातार हो रही व्यापक से भारी वर्षा के चलते सभी छोटे-बड़े नदी-नाले और खड्डें उफान पर है। इस दौरान धर्मशाला में सर्वाधिक 101 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आज और कल राज्य के चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला और सोलन जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी तथा कुछ स्थानों पर अति भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग ने इसे देखते हुए अचानक बाढ़ आने की एडवाइजरी जारी की है और लोगों को नदी-नालों के पास न जाने तथा सुरक्षित स्थानों पर ही रहने को कहा गया है। भारी से बहुत भारी वर्षा के मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए मंडी, कुल्लू, लाहौल स्पिति, किन्नौर, शिमला, सिरमौर, सोलन और कांगड़ा जिला प्रशासनों ने भी एडवाइजरी जारी की है।
बारिश से करोड़ों का नुकसान
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा है कि प्रदेश में हो रही भारी से बहुत भारी वर्षा और बादल फटने की घटनाओं में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा और बादल फटने से राज्य में 387 सड़कें बंद हैं। सबसे ज्यादा 70 सड़कें कुल्लू जिला में बंद है। इसके अलावा 175 स्थानों पर पानी की आपूर्ति ठप्प हो गई है। खराब मौसम के कारण 345 ट्रांसफार्मर जल गए हैं। इस कारण बहुत से स्थानों पर बिजली गुल हो गई है। भारी बारिश के कारण प्रदेश में दस मकान बीते 24 घंटों में पूरी तरह ध्वस्त हो गए जबकि 31 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है। मुख्य सचिव ने कहा कि भारी वर्षा और अचानक आई बाढ़ की घटनाओं में लापता लोगों में से 11 के मौत की पुष्टि हो गई है जबकि शेष लापता लोगों को ढूंढने के लिए अभियान जारी है। मुख्य सचिव ने राज्य के सभी उपायुक्तों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात करके उन्हें अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।