एक दिवसीय महागीर सम्मेलन का आयोजन

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत खर्च होंगे 40 करोड़ रुपए : कंवर

शिमला, 20 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के बंगाणा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत मंदली के गांव बिहडू में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत एक दिवसीय महागीर सम्मेलन का आयोजना किया गया। इस सम्मेलन में ऊना तथा बिलासपुर जिला के लगभग 300 मछुआरों ने भाग लिया। पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने इस मौके पर कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा मत्स्य पालकों के कल्याण के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इन्हीं योजनाओं के अंतर्गत उन्होंने आज प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ कुटलैहड विधानसभा क्षेत्र के गांव बिहडू से किया।

वीरेंद्र कंवर ने इस योजना के अंतर्गत 15 महागीर (मछुआरों) को मोटरसाइकिल जिस पर आइस बॉक्स लगा है प्रदान किए। इसके अतिरिक्त मंत्री द्वारा कोलडैम व गोविंद सागर के 1826 पात्र मछुआरों को लाइफ जैकेट भी दिए।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत 40 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मछुआरों के कल्याण एवं राहत के लिए जलाशय में कार्यरत मछुआरों को 16 जून से 15 अगस्त तक 2 माह का वर्जित कॉल होने पर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 3 हजार रूपये राहत के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन्सयुलेटिड वाहन खरीदने के लिए इकाई की कुल लागत 20 लाख पर सामान्य जाति के मत्स्य पालकों को 40 प्रतिशत की दर से 8 लाख रुपए तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला मछुआरों को 60 प्रतिशत की दर से 12 लाख रुपए अनुदान के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत जलाशय में कार्यरत मछुआरों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 5 लाख रुपये तथा स्थाई अपंगता 50 प्रतिशत  से अधिक होने वाले मछुआरों को ढाई लाख रुपए प्रदान करने का प्रावधान है। सरकार द्वारा परंपरागत मछुआरों को किश्ती, गिल जाल व अन्य उपकरण भी दिए जा रहे हैं।