ऊना में बैंबू हब बनने की पूरी क्षमता

ऊना में बैंबू हब बनने की पूरी क्षमता

बांस उत्पाद तैयार करने वाले स्वयं सहायता समूहों से मिले शिंदे

शिमला, 17 जुलाई। बैंबू इंडिया के योगेश शिंदे ने आज जिला ऊना में बैंबूना प्रोजेक्ट तक बनाए गए स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साथ भेंट कर उन्हें इस क्षेत्र के टिप्स दिए। शिंदे ने बौल, लमलैहड़ी व धगड़ूंह में बांस के उत्पादों से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बौल में बैंबू आर्ट गैलरी का निरीक्षण भी किया। इस दौरान पीओ डीआरडीए संजीव ठाकुर व महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र अंशुल धीमान भी उनके साथ रहे।

शिंदे ने कहा कि जिला ऊना में बैंबू हब बनने की पूरी क्षमता है, यहां का बांस अच्छा है जिससे कई तहर के उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऊना जिला में बांस के उत्पाद बनाने के काम को आगे बढ़ाय जाना चाहिए, जिसके लिए वह हर संभव मदद देंगे। योगेश शिंदे ने बांस उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि बांस एक पर्यावरण मित्र उत्पाद है, जिससे तैयार होने वाले उत्पाद पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। शिंदे ने बताया कि वर्ष 2016 में उन्होंने बैंबू इंडिया कंपनी की शुरुआत की थी तथा आज उनकी कंपनी बांस के ऐसे प्रोडक्ट बनाती है, जो प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने में सहयोग देते हैं।

वहीं डीसी राघव शर्मा ने कहा कि जिला ऊना में तैयार हो रहे बांस के उत्पादों की मार्केटिंग में बैंबू इंडिया के योगेश शिंदे की सहायता ली जा रही है। जिला प्रशासन बांस के उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग कर इस काम में लगे स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में कार्य कर रहा है। जिला ऊना में बांस के उत्पाद निर्मित कर स्वरोजगार की अपार संभावनाएं पैदा की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने बांस को पेड़ों की श्रेणी से हटाकर घास की कैटेगरी में रखा है, जिससे अब इसे काटने और इसके ट्रांसपोर्टेशन के लिए किसी भी तरह की अनुमति नहीं लेनी होती है।