हिमाचल की राजनीति में बढ़ा धूमल परिवार का रुत्बा

अनुराग ठाकुर ने मनवाया अपनी काबलियत का लोहा

शिमला, 7 जुलाई। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में धूमल परिवार और अनुराग ठाकुर दोनों का एक बार फिर रुत्बा बढ़ गया है। हिमाचल प्रदेश जैसे चार लोकसभा सीटों वाले छोटे से राज्य से महज 47 साल के उम्र में केंद्रीय मंत्रिमण्डल में कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल कर अनुराग ठाकुर ने न केवल अपनी काबलियत का लोहा मनवाया है बल्कि ये भी साबित कर दिया है कि केंद्र और प्रदेश की राजनीति में उनकी बड़ी भूमिका तय है। अनुराग ठाकुर लगातार चार बार लोकसभा चुनाव जीतकर पहले ही अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा चुके हैं और अब केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनकर उन्होंने राजनीति में एक और लम्बी छलांग लगा दी है। अनुराग ठाकुर के केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनने से एक बात और साफ हो गई है कि फिलहाल वह हिमाचल की राजनीति में नहीं लौटेंगे। लेकिन प्रदेश की राजनीति में उनका रुत्बा पहले से बड़ा होगा और वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अनुराग सहित धूमल परिवार बड़ी भूमिका निभाएगा।

अनुराग ठाकुर हिमाचल से केंद्रीय मंत्रिमण्डल में कैबिनेट मंत्री बनने वाले छठे सांसद हैं। अनुराग ठाकुर वर्ष 2008 में पहली बार लोकसभा उपचुनाव जीते थे। उसके बाद 2009, 2014 और 2019 में वे लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। अनुराग ठाकुर को 2019 में सांसद रत्न पुरस्कार भी मिल चुका है और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते भी उन्होंने अपनी काबलियत साबित की है। अनुराग ठाकुर वर्ष 2019 में चौथी बार सांसद बनने के बाद जहां मोदी मंत्रिमण्डल में वित्त राज्यमंत्री बने वहीं इससे पहले बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में अनुराग ठाकुर ये साबित कर चुके हैं कि उनमें राजनीति की बुलंदियां छूने का माद्दा मौजूद है। हिमाचल प्रदेश से इससे पहले राजकुमारी अमृत कौर, वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, आनंद शर्मा, जेपी नड्डा और चंद्रेश कुमारी केंद्र में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं जबकि पं. सुखराम केंद्र में स्वतंत्र प्रभार के मंत्री थे।