शिमला, 1 जून। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में एनसीसी को एक सामान्य वैकल्पिक क्रेडिट पाठ्यक्रम के रूप में लागू करने को कहा है। राज्यपाल आज राजभवन शिमला में उनसे मिलने आए एनसीसी मुख्यालय शिमला के ग्रुप कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव ठाकुर से बातचीत कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि एनसीसी को वर्तमान समय में अधिकांश विद्यालयों और महाविद्यालयों में एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधि के रूप में माना जाता है परन्तु एनईपी-2020 ने उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में एक्स्ट्रा करिकुलर और को-करिकुलर के बीच अंतर को दूर करने और एनसीसी को च्वाईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अंतर्गत क्रेडिट कोर्स के रूप में प्रस्तुत करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि सीबीसीएस समेस्टर प्रणाली में शैक्षणिक पाठ्यक्रम पर ही ध्यान केन्द्रित होता था, जिससे एनसीसी जैसी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी के लिए बहुत कम समय रहता था। उन्होंने कहा कि एनईपी ने सभी उच्चरतर शिक्षण संस्थानों को सामाजिक सेवाओं और सामुदायिक विकास पर क्रेडिट आधारित पाठ्यक्रम और परियोजनाओं को शामिल किया गया है।
इस अवसर पर ब्रिगेडियर राजीव ठाकुर ने राज्यपाल से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् की सिफारिश के अनुसार राज्य के विश्वविद्यालयों को एनसीसी को सामान्य वैकल्पिक क्रेडिट पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने के निर्देश देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एनसीसी शिमला के समूह निदेशालय में एक लड़कियों की एनसीसी बटालियन के साथ पांच एनसीसी बटालियन हैं। पांच स्वतंत्र एनसीसी क्वॉयस, एक नौसेना एनसीसी यूनिट और एक एयर सक्वाड्रन है। एनसीसी हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में फैली हुई है और रक्षा बलों के तीनों अंगों के प्रशिक्षित 28 हजार 724 एनसीसी क्रेडिट बल है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एनसीसी प्रशिक्षण उन स्वयंसेवी छात्रों को पाठ्येतर गतिविधि के रूप में प्रदान किया जाता है, जिन्होंने मान्यता प्राप्त स्कूलों और महाविद्यालयों में अपना नामांकन कैडेट के रूप में करवाया हो।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विश्वविद्यालयों में एनसीसी पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार च्वाइस बेसड क्रेडिट सिस्टम के तहत सामान्य वैकल्पिक कैडेट कोर्स के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। इससे युवाओं के विकास और छात्रों को एनसीसी के प्रशिक्षण के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए एनसीसी की क्षमता को उपयोग में लाने में मदद मिलेगी।