क्वारंटीन की शर्त हटाने से नर्सें खफा
सरकार को दो दिन के भीतर फैसला पलटने की मोहलत
शिमला, 14 मई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल में किए गए संशोधन के बाद हिमाचल की जयराम ठाकुर सरकार ने भी इन नियमों को प्रदेश में लागू करना शुरू कर दिया है। इसके तहत सरकार ने राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में कोरोना मरीजों की बाढ़ के चलते कोरोना मरीजों की देखभाल में लगी नर्सों की क्वारंटीन की अवधि खत्म करने का फैसला लिया है। सरकार का ये फैसला नर्सों को नागवार गुजरा है। हिमाचल प्रदेश राज्य नर्सेज एसोसिएशन ने सरकार के इस निर्णय की निंदा की है। एसोसिएशन की अध्यक्ष अरूणा लुथड़ा, महासचिव सीता ठाकुर, उपाध्यक्ष वीना राणा, सुषमा ठाकुर, इंदू कश्यप और अन्य पदाधिकारियों ने आज एक संयुक्त बयान में सरकार को इस फैसले को दो दिनों के भीतर वापिस लेने की मोहलत दी है। एसोसिएशन की इन पदाधिकारियों ने कहा है कि यदि सरकार अपने इन आदेशों को वापिस नहीं लेती है तो एसोसिएशन कठोर निर्णय लेने पर मजबूर हो जाएगी।
एसोसिएशन ने कहा है कि इस समय प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में नर्सें अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात अपनी सेवाएं दे रही हैं। दस दिनों तक लगातार ड्यूटी देने के बाद ये नर्सें सात दिन तक सबसे अलग-थलग आइसोलेशन में रह रही हैं और इस दौरान अपने परिवार और बच्चों तक से नहीं मिल रही हैं ताकि इनकी वजह से समाज में महामारी और न फैले। यही नहीं सात दिन के आइसोलेशन के बाद ये नर्सें फिर से अपनी ड्यूटी पर तैनात हो जाती हैं। ऐसोसिएशन का ये भी कहना है कि कोरोना वैक्सीन की दो-दो डोज लगाने के बावजूद कई नर्सें कोरोना संक्रमित हो गई हैं और आईजीएमसी में एक नर्स जीवन के लिए संघर्ष कर रही है। ऐसे में सरकार का नर्सों का सात दिन की आईसोलेशन अवधि खत्म करने का निर्णय नर्सों के साथ सरासर अन्याय है और इसे सहन नहीं किया जाएगा।