उमंग फाउंडेशन का मुख्यमंत्री को पत्र

उमंग फाउंडेशन का मुख्यमंत्री को पत्र

रक्तदान शिविर की मंजूरी न देने वाले अफसरों के खिलाफ हो कार्रवाई

शिमला, 12 मई। उमंग फाउंडेशन ने कोरोना संकट में हिमाचल के ब्लड बैंकों में रक्त की भारी कमी के दौरान स्वयंसेवी संस्थाओं को रक्तदान शिविर लगाने की अनुमति ने देने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उमंग के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग अपने तौर पर रक्तदान शिविर लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। विभाग ने इसके लिए कोई रणनीति तैयार नहीं की है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल को लिखे एक पत्र में अजय श्रीवास्तव और उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी विनोद योगाचार्य ने कहा कि कोरोना के गंभीर संकट के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने ब्लड बैंकों में रक्त की कमी से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाए।

उन्होंने कहा कि महामारी के कारण शहरों से लेकर गांव तक लोग रक्तदान करने में डर भी महसूस कर रहे हैं। ऐसे में उमंग फाउंडेशन समेत अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं रक्तदान शिविर लगाने के प्रयास कर रही हैं। लेकिन कई जिलों में संबंधित एसडीएम रक्तदान शिविर के लिए अनुमति देने में आनाकानी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उमंग फाउंडेशन के प्रयासों से पिछले साल 20 मार्च को मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद स्वास्थ्य विभाग ने रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए एडवाइजरी जारी की थी। उन्होंने कहा कि ब्लड बैंकों में रक्त की भारी कमी है और कोरोना के साथ-साथ मरीज रक्त की कमी से भी मरने लगेंगे। ऐसे में सरकार को तुरंत सभी जिला उपायुक्तों को आदेश जारी करने चाहिए कि रक्तदान शिविर लगाने की अनुमति तुरंत दी जाए।

अजय श्रीवास्तव ने कहा की पिछले वर्ष 20 मार्च को रक्तदान संबंधी सरकारी एडवाइजरी जारी होने के बाद से उमंग फाउंडेशन ने शिमला जिले के ग्रामीण इलाकों में कर्फ्यू और लॉकडाउन के दौरान 15 रक्तदान शिविर लगाए थे। इसके बाद अन्य संस्थाओं ने भी कैंप लगाकर ब्लड बैंकों की मदद की। लेकिन स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों का नकारात्मक रवैया रक्तदान शिविर लगाने में बाधाएं पैदा कर रहा है।