हिमाचल में थमे निजी बसों के पहिये

3500 रूटों पर नहीं चली प्राइवेट बसें

शिमला, 3 मई। हिमाचल प्रदेश में निजी बसों के पहिये थम गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा निजी बस आप्रेटरों की मांगें नहीं माने जाने के चलते राज्य के 3500 निजी बस आप्रेटर आज से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। निजी बस आप्रेटरों की इस हड़ताल का प्रदेश में खास असर हुआ है और लोगों को पहले दिन से ही भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्यों कि राज्य पथ परिवहन निगम घाटे में चल रहे रूटों को पहले से ही नहीं चला रहा है। ऐसे में खासकर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बस सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है।

हिमाचल प्रदेश के निजी बस आप्रेटर, टोकन टैक्स और स्पेशल रोड टैक्स माफ करने तथा निजी बस आप्रेटरों को वर्किं कैपिटल उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे हैं। निजी बस आप्रेटरों ने अपनी मांगों को लेकर कई बार अधिकारियों व परिवहन मंत्री को ज्ञापन सौंपे लेकिन उनकी मांगें अभी तक ज्यों की त्यों है। सरकार ने अभी तक निजी बस आप्रेटरों की केवल न्यूनतम किराया बढ़ाने की मांग पूरी की है। ऐसे में निजी बस आप्रेटरों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है और उन्हें मजबूरी में बसों के पहिये जाम करने पड़े।

प्रदेश सरकार ने कल रात तक इस हड़ताल को टालने का प्रयास किया और परिवहन विभाग ने निजी बस आप्रेटरों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगें मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी तथा मंत्रिमण्डल की आगामी बैठक में इन्हें विचार के लिए लाया जाएगा। हालांकि परिवहन विभाग के ये प्रयास सफल नहीं हुए और निजी बस आप्रेटर हड़ताल पर उतर गए हैं। ऐसे में राज्य पथ परिवहन निगम ने कुछ अतिरिक्त बसें सड़कों पर उतारी हैं लेकिन ये नाकाफी साबित हुई क्योंकि प्रदेश में परिवहन विभाग की बसों की संख्या लगभग 4000 है वहीं  निजी बसों की संख्या भी 3500 से अधिक है। यानी प्रदेश में आधी परिवहन सेवा का आज से चक्का जाम हो गया है।