किन्नौर के कल्पा में खुली नई जेल
प्रदेश के जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता बढ़कर हुई 2350
शिमला, 27 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश की जेलों में बीते तीन साल में कैदियों को रखने की क्षमता 1750 से बढ़कर 2350 तक बढ़ गई है। इस क्षमता में आने वाले दिनों में और सुधार होगा क्योंकि मंडी और कुल्लू में निर्माणाधीन जेलें इसी वित्त वर्ष के दौरान बनकर तैयार हो जाएंगी। इससे प्रदेश की जेलों में कैदियों की भीड़ भाड़ को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। ये बात प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जेल सोमेश गोयल ने आज किन्नौर जिला के कल्पा में जिला स्तरीय जेल के उद्घाटन अवसर पर कही। इस जेल में एक समय में 30 कैदियों को रखने की क्षमता है। अब तक किन्नौर जिला में कैदियों को न्यायिक हवालात में रखा जा रहा था जिसमें उन्हें रहने की उचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही थी।
सोमेश गोयल ने कहा कि जिला कारागार शिमला, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और केंद्रीय कारागार कंडा व नाहन में नई बैरकों और मंजिलों का निर्माण कर कैदियों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं जुटाई गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बन रही सभी नई जेलों में नेल्सन मंडेला नियमों और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार कैदियों खासकर महिला कैदियों को सुविधाएं जुटाई जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी जेलों में स्टेट ऑफ आर्ट सुविधाएं, साफ सुथड़ी रसोई, रौशनी और गर्म तथा ठंडे पानी जैसी सुविधाएं प्रमुखता के आधार पर कैदियों को दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जेलें देश की एकमात्र ऐसी जेलें हैं जहां कैदियों को आम आदमियों की तरह बिस्तर, गद्दे और बेहतरीन कम्बल उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
गोयल ने कहा कि कल्पा में नवनिर्मित जेल में एक समय में 30 कैदियों को रखने की क्षमता है और इसमें जिले में विभिन्न अपराधों में गिरफ्तार होने वाले कथित आरोपियों को जेलों में ज्यादा बेहतर सुविधाएं मिल पाएंगी। कल्पा में नई जेल का निर्माण, प्रदेश हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक किया गया है।
गोयल ने किया पुस्तक का विमोचन
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जेल ने एक विचाराधीन कैदी सुनील कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘सफर और अनुभव’ का विमोचन किया। इस किताब में 13 चेप्टर और 120 पृष्ठ हैं जिनमें सुनील कुमार ने जेल के दौरान के अपने अनुभवों और इस दौरान उसके जीवन में आए परिवर्तनों का उल्लेख किया है। इस किताब में अन्य कैदियों को अपना जीवन सुधारने के भी अनेक सुझाव दिए गए हैं।