हिमाचल में शिक्षकों ने की पुरानी पेंशन बहाली की मांग
कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के बगैर शिक्षकों का स्कूलों में न हो प्रवेश
शिमला, 27 अप्रैल। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ और हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार से राज्य के शिक्षकों के लिए तुरंत पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग की है। राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ के संयुक्त महासचिव पवन मिश्रा ने शिमला में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि पेंशन खत्म कर दिए जाने से शिक्षकों में असुरक्षा की भावना है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह तुरंत शिक्षकों की पेंशन बहाली की घोषणा करे ताकि शिक्षक अधिक एकाग्रता के साथ बच्चों की पढ़ाई जारी रख सके।
पवन मिश्रा ने कहा कि इस मुद्दे पर उनकी शिक्षा निदेशक , शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से विस्तृत बैठकें हुई है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही प्रदेश सरकार इस संबंध में कोई सकारात्मक निर्णय लेकर शिक्षकों को राहत देगी।
शिक्षक नेता ने कहा कि पेंशन योजना को लेकर सरकार द्वारा एक सम्मानजनक व सुरक्षित पैमाना निर्धारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न शिक्षक संगठन पेंशन बहाली सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर समय-समय पर सरकार को अपनी मांगपत्र देते रहे हैं हालांकि इनपर अभी तक कोई कार्रवाई सरकार की ओर से नहीं हुई है। शिक्षक नेता ने इस मौके पर टीजीटी शिक्षकों को मुख्य अध्यापक और प्रवक्ता के पद पर पदोन्नति देने, शास्त्री और भाषा अध्यापक को टीजीटी का दर्जा देने, डाइट संस्थानों का नियंत्रण उच्च शिक्षा निदेशक के अधीन करने और कंप्यूटर शिक्षकों के लिए तर्कसंगत नीति बनाने की भी सरकार से मांग की।
शिक्षक नेता ने प्रदेश में कोरोना वैक्सीन टीकाकरण को प्रोत्साहन देने के लिए स्कूलों में बिना टीके के आने वाले शिक्षकों का प्रवेश वर्जित करने का सरकार को सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे जहां टीकाकरण को बढावा मिलेगा वहीं कोरोना महामारी को रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने पहली मई के बाद शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर स्कूल बुलाने का भी सरकार को सुझाव दिया।