प्रधानमंत्री के संबोधन से कांग्रेस निराश

प्रधानमंत्री के संबोधन से कांग्रेस निराश

शिमला, 21 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री इस गंभीर चुनौती से लड़ने के लिए देश के लोगों को किसी राहत की घोषणा करते। उन्होंने कहा कि इस गंभीर चुनौती से लड़ने में केंद्र सरकार ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। आज शिमला से जारी बयान में राठौर ने कहा कि बढ़ते संक्रमण और बिगड़ती स्वास्थ्य सेवाएं, आक्सीजन की कमी, वैक्सीन की कमी, वेंटीलेटर की कमी, अस्पतालों में बिस्तरों की कमी से सरकार की पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश के नागरिकों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं देने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उन्हें अपनी राजनीति और चुनावों की ज्यादा चिंता है जबकि देश में इस गंभीर चुनौती और बिगड़ती अर्थव्यवस्था की ओर कोई विशेष ध्यान नहीं रहा है। देश मे बढ़ती  महंगाई, बेरोजगारी और जनविरोधी नीतियों से आज देश के लोग परेशान हैं। किसान और बागवान नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले चार महीनों से सड़कों पर है। सरकार है कि पश्चिम बंगाल के चुनावों को लेकर अति व्यस्त है। उन्होंने प्रधानमंत्री केयर फण्ड में आज दिन तक कितना पैसा इकठ्ठा किया है और वह कहां खर्च किया है उसकी पूरी जानकारी देश को देने की मांग भी की है।

राठौर ने प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर अपनी चिंता प्रकट करते हुए कहा कि जयराम सरकार भी केंद्र के पदचिन्हों पर ही चल रही है। प्रदेश सरकार के पास इस महामारी से निपटने का कोई भी कारगर उपाय नहीं है। अस्पतालों में कोई व्यवस्था नहीं है। ओपीडी बंद की जा रही है। बाहरी व अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों की स्वास्थ्य सुविधा बंद की जा रही है, जो बहुत ही चिंता का विषय है। प्रदेश में फिजूल खर्ची के चलते मंत्रियों और अधिकारियों की सुख सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं अपने लिये एक नया हेलीकॉप्टर तक मंगवा लिया है।

राठौर ने कहा कि प्रदेश में सरकारी व्यवस्था पूरी तरह चरमरा कर रह गई है। लोग बढ़ती बेरोजगारी व महंगाई से त्रस्त हैं। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उन्होंने कहा कि जिस सरकार को अबतक यह पता ही नहीं है कि उसके राज्य में कितने बाहरी लोग क्वारन्टीन किये गए हैं, उसकी शासकीय व्यवस्था की पोल तो खुल ही गई है।