कोटी वन रेंज में अवैध कटान का मामला
हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव वन और प्रधान मुख्य अरण्यपाल को अदालत में किया तलब
शिमला, 9 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला जिला की कोटी वन रेंज में हुए 413 पेड़ों के अवैध कटान के मामले में अदालत के आदेशों की पालना न करने के मामले का कड़ा संज्ञान लिया है और इस मामले में प्रदेश के प्रधान सचिव वन और प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन को 20 अप्रैल को हाईकोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।
ये आदेश हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति अनूप चिटकारा की पीठ ने हाईकोर्ट को लिखे एक पत्र पर स्वत: संज्ञान लेते हुए और इस मुद्दे पर जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई करते हुए दिए। इस पत्र में कोटी वन रेंज में हुए अवैध वन कटान के मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने तथा वन विभाग के अधिकारियों सहित दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि इस मामले पर 17 मई 2018 को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कोटी रेंज के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे और ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा था। इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव को सरकार द्वारा की गई कार्रवाई से अदालत को अवगत करवाने और दो सप्ताह के भीतर अदालत में हलफनामा देने को भी कहा था। अदालत ने इस मामले में अवैध कटान के दोषी भूप राम को 34,68,233 रुपए हाईकोर्ट के राजिस्ट्री के पास जमा कराने को भी कहा था।
अदालत ने आज सुनवाई के दौरान पाया कि इस मामले में मुख्य सचिव और डीएसपी शिमला सिटी ने केवल तीन लोगों के खिलाफ आरोप दायर किए और अदालत के आदेशों का सही से पालन नहीं किया। अदालत ने अब इस मामले में प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन को नए सिरे से हलफनामा अदालत में दाखिल करने को कहा है। अदालत अब इस मामले पर 20 अप्रैल को सुनवाई करेगी।