मुख्यमंत्री ने थुनाग में सिविल जज कोर्ट का किया शुभारंभ

शिमला, 27 जनवरी। बेहतर और जीवंत समाज बनाने के लिए यह आवश्यक है कि लोगों को उनके घर-द्वार के समीप तीव्र एवं किफायती न्याय सुनिश्चित किया जाए। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत थुनाग में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल. नारायण स्वामी की उपस्थिति में सिविल जज-एवं-जेएमआईसी थुनाग न्यायालय का उद्घाटन करने के पश्चात जनसभा को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशेष रूप से थुनाग और सराज विधानसभा के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है कि उन्हें अपने क्षेत्र में एक नागरिक न्यायालय मिला है। अभी तक क्षेत्र के लोगों को न्याय प्राप्त करने के लिए मंडी तक का सफर तय करना पड़ता था जिससे न केवल समय की बरबादी होती थी बल्कि लोगों का काफी पैसा भी खर्च होता था। इस न्यायालय से लगभग 50 हजार लोगों को सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि थुनाग में शीघ्र न्यायिक परिसर और न्यायालय स्थापित हों ताकि न्यायिक अधिकारियों और लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
जयराम ठाकुर ने कहा कि थुनाग में इस न्यायालय की स्थापना हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के सहयोग एवं सहायता से संभव हो पाई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में राज्य में सामाजिक संरचना इस प्रकार थी कि लोग अपने मतभेद आपसी सहमति और परस्पर संवाद से सुलझा लेते थे लेकिन अब उन्नति और शहरीकरण के कारण यह पुरानी व्यवस्था लगभग समाप्त हो गई है और लोगों ने छोटे-छोटे मुद्दों के लिए भी न्यायालय का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश एल नारायण स्वामी ने कहा कि हमारे संविधान में नागरिकों को त्वरित न्याय प्रदान करने का अधिकार दिया गया है। अगर लोगों को न्याय प्राप्ति के लिए लंबी यात्रा करनी पड़े तो यह न्याय में बाधा होगी, जो संविधान में निहित मूल्यों के खिलाफ होगा। लोगों को त्वरित और किफायती लागत में न्याय सुनिश्चित करने के लिए आज मोबाइल न्यायालय, लोक अदालत और ग्राम अदालतें कार्यशील हैं। उन्होंने कहा कि थुनाग में न्यायालय की स्थापना से वांछित परिणाम हासिल करने में सुविधा होगी।
प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर ने क्षेत्र के लोगों को सिविल जज कोर्ट मिलने पर बधाई दी। उन्होंने लोगों से अपनी समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं का निर्वहन करने और इन पर गर्व करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह एक दूसरे के साथ सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यह न्यायालय क्षेत्र के युवाओं को कानून सम्बन्धी व्यवसाय को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।