मलबे ने उगले आज छह और शव, शेष लापता की तलाश जारी

किन्नौर भूस्खलन हादसा

मलबे ने उगले आज छह और शव, शेष लापता की तलाश जारी

शिमला, 14 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर में निगुलसरी के समीप हुए भूस्खलन हादसे में आज राहत व बचाव अभियान दलों को छह और शव बरामद करने में सफलता मिली है। इसी के साथ इस घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है। इस दर्दनाक घटना में अभी भी 10 लोग लापता हैं जबकि 13 लोगों को इस हादसे में बचाया जा चुका है।

हादसे में लापता लोगों की आज सुबह चार बजे से ही तलाश आरंभ हो गई थी। घटना के चौथे दिन आज पोकलेन जैसी बड़ी मशीनों के अलावा खोजी कुत्तों की मदद से भी मलबे और चट्टानों के नीचे दबे शवों को तलाश किया गया। इस भूस्खलन में लापता लोगों की तलाश में आज पहली बार खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया गया। पोकलेन भी आज पहली बार पहाड़ से नीचे सड़क बनाकर उतारी गई ताकि बड़ी-बड़ी चट्टानों और मिट्टी को जल्दी से हटाया जा सके। इसी के चलते छह शव बरामद करने में सफलता मिली है। इस घटना में अब तक मारे गए लोगों में रोहित, विजय कुमार, मीरा देवी, नितिशा, प्रेम कुमारी, कमलेश कुमार, वंशुका, ज्ञान दासी, बेबीचंद, राधिका, भूपेंद्र सिंह, लक्ष्मण थापा, हुकम राम, सुरेश केसी, रविंद्र सिंह, राजेश कुमार, कुरुणेश, गगत ओली, प्रभु लाल, गुलांची, दलीप सिंह, खेमलाल गुरंग और बृजनाथ शामिल हैं।

इस बीच इस हादसे में लापता लोगों का खोज अभियान जारी है। लापता लोगों को खोजने में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा आईटीबीपी, सेना तथा स्थानीय प्रशासन भी मदद कर रहा है। खोज अभियान का नेतृत्व किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक कर रहे हैं।

इस बीच हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने भी आज घटना स्थल का दौरा किया और राहत तथा बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने सरकार पर इस घटना में देर से राहत कार्य शुरू करने का आरोप लगाया और कहा कि इस कारण कई बेशकीमती जानों को नहीं बचाया जा सका। उन्होंने घटना में मृतकों के लिए राहत राशि बढ़ाने की मांग की। राठौर ने इस तरह की आपदाओं के लिए जलविद्युत परियोजनाओं को जिम्मेवार ठहराया।