जलजीवन मिशन के 1132.55 करोड़ रुपए नहीं खर्च पाई हिमाचल सरकार

विधानसभा प्रश्नकाल

जलजीवन मिशन के 1132.55 करोड़ रुपए नहीं खर्च पाई हिमाचल सरकार

131 प्राइमरी स्कूल ऐसे जहां एक भी छात्र नहीं, 1957 स्कूल ऐसे जहां 10 से कम छात्र

शिमला, 11 अगस्त। हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार भले ही वर्ष 2022 तक राज्य के सभी घरों को नल से जल पहुंचाने का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश सरकार को केंद्र से जल जीवन मिशन के तहत मिले 2240.10 करोड़ रुपए में 1132.55 करोड़ रुपए सरकार अभी तक खर्च नहीं कर पाई है। हिमाचल सरकार को केंद्र से वर्ष 2019-20 के दौरान 221.29 करोड़ रुपए, 2020-21 के दौरान 589.73 करोड़ रुपए और 2021-22 के लिए 1429.08 करोड़ रुपए मिले हैं। इनमें से प्रदेश सरकार अभी तक 1101.55 करोड़ रुपए की खर्च कर पाई है। यह जानकारी जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने आज विधानसभा में विधायक रमेश ध्वाला के सवाल के जवाब में दी।

महेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2019-20 में प्रदेश के जलजीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार की ओर से जारी राशि में 8.4 करोड़ रुपए, 2020-21 के दौरान जारी राशि में 218.47 करोड़ रुपए और 2021-22 के लिए जारी राशि में से 906.12 करोड़ रुपए खर्च किए जाने शेष हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जलजीवन मिशन शुरू होने के बाद से अब तक 601840 नल स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नए नलों की स्थापना केवल पुरानी पेयजल योजनाओं अथवा पुरानी पाइप लाइनों से ही नहीं की जा रही है। जलजीवन निर्देशों के अनुसार पूर्ण की गई योजनाओं तथा कार्यशाल योजनाओं में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन की दर से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए इनमें सुधार किया जा रहा है, ताकि किसी भी उपभोक्ता को पेयजल आपूर्ति बाधित न हो। उन्होंने कहा कि 283 योजनाओं के संवर्धन और सुधार के लिए 1120.24 करोड़ रुपए के प्राक्कलन तैयार किए गए हैं। अभी तक इन योजनाओं पर 288.11 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के दौरान संवर्धन और सुधार के लिए 767.50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

विधायक रमेश ध्वाला के सवाल के ही लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 131 प्राइमरी स्कूल ऐसे है जहां पर एक भी छात्र नहीं है। इसके अलावा 1957 ऐसे स्कूल हैं जहां पर छात्रों की संख्या दस से कम है। इसमें शिमला जिला में सबसे ज्यादा 517 स्कूल ऐसे हैं जहां पर छात्रों की संख्या शून्य और दस से कम है। यहां पर 32 प्रारंभिक पाठशालाएं ऐसी है जहां पर एक भी छात्र नहीं है और 485 स्कूल ऐसे हैं जहां पर छात्रों की संख्या दस से भी कम है।

विधायक होशियार सिंह के सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि देहरा विधानसभा क्षेत्र में कृषि विभाग में विभिन्न श्रेणियों के खाली 16 पदों को जल्द भरा जाएगा। इसके लिए हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग और हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा प्रक्रिया जारी है। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि देहरा विधानसभा क्षेत्र में कृषि विभाग द्वारा चार कृषि विक्रय केन्द्र खोले गए हैं। इनमें से एक विक्रय केन्द्र कार्यशील है, जबकि तीन विक्रय केन्द्र बंद पड़े हैं।

उर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने विधायक बलबीर सिंह वर्मा के एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अप्रैल 2022 तक चौपाल विधानसभा क्षेत्र में शेष रह गए 33 टावर लगाने का काम पूरा कर दिया जाएगा। सुखराम चौधरी ने कहा कि चौपाल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत 66 केवी सब-स्टेशन की 66 केवी सैंज-चौपाल लाइन के 37 टावर स्थापित किए जा चुके हैं। सब-स्टेशन को स्थापित करने के लिए 522.56 लाख रुपए और 66 केवी लाइन को स्थापित करने के लिए 2637.43 लाख रूपए की धनराशि व्यय की जा चुकी है।

विधायक विशाल नैहरिया के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला कॉलेज में जल्द विज्ञान भवन का निर्माण कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि भवन का निर्माण कार्य 62 प्रतिशत पूरा हो गया है। वहीं, सुन्दरनगर के विधायक राकेश जंवाल के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस विधानसभा के तहत तलेली में अटल आदर्श स्कूल खोलने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। उन्होंने कहा कि सुन्दरनगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में चनोल नामक स्थान पर जहां लगभग 40 बीघा भूमि शिक्षा विभाग के नाम उपलब्ध है वहां पर एक अटल आदर्श स्कूल खोलने बारे मामला पहले से ही सरकार के विचाराधीन है।