देवभूमि में 108 एम्बुलेंस सेवा ने 11 साल का सफर किया पुरा,हर 35 सेकेंड में दिया जाता है 1 कॉल का जवाब

देवभूमि में 108 एम्बुलेंस सेवा ने 11 साल का सफर किया पुरा , हर 35 सेकेंड में दिया जाता है 1 कॉल का जवाब

27 दिसम्बर
देवभूमि में प्रत्येक व्यक्ति को जीवन देने और लोगों के जीवन की रक्षा करने वाली जीवनदायिनी 108 एम्बुलेंस सेवा ने हिमाचल में 11 साल का सफर पुरा कर लिया है।  प्रत्येक नागरिक को जीवन रक्षा का अधिकार प्रदान करने के व्यापक मिशन में शामिल हो कर अग्रणी रहन वाली जीवाके ईएमआरआई ने हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ सार्वजनिक एवं निजी भागीदार के तहत हिमाचल प्रदेश में 108 नेशनल एम्बुलेंस सर्विस की शरूआत 25 दिसम्बर 2010 को की थी तथा समस्त हिमाचल प्रदेश में सफलतापूर्वक सेवाएं प्रदान कर रही है। 108 एम्बुलेंस सेवा के तहत हर 35 सेकंड में 1 कॉल का जवाब दिया जाता है,हर चौथे मिनट में 1 ऐम्बुलेंस डिस्पैच होती है, हर चौथे मिनट में 1 आपातकालीन मामला दर्ज होता है,हर 15 घण्टे में आपात में फंसी 1 जिन्दगी का बचाव किया जाता है। हर दिन 386 आपातकालीन कॉलज का जवाब दिया जाता है,वहीं  हर 8वें घण्टे 108 के स्टाफ की निगरानी में नई जिन्दगी का जन्म होता है।
● 11 सालों में 15,49,375 आपातकालीन मामलो का किया गया निपटारा
हिमाचल प्रदेश में 204 ऐंबुलेंसों के साथ 108 नेशनल एम्बुलेंस सर्विस ने गत् 11 साल के दरमियान कुल
15,49,375 आपातकालीन मामलों को प्रतिसाद दिया है, जिनमें 15,49,375 चिकित्सा संबंधी मामले, 34,632
पुलिस संबंधित मामले एवं 8,647 अग्नि संबंधित मामलों का सफलतापूर्वक निवारण कर प्रदेश की जनता को
राहत पहुंचाई है।
● गर्भवती महिलाओं और सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में वरदान साबित हुई है 108
यह सेवा गर्भवती महिलाओ तथा सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित अपातकालीन मामलों में एक वरदान सिद्ध हुई
है। 25 दिसम्बर 2010 से अब तक 3,12,381 गर्भ संबंधी केस 108 आपातकालीन प्रबंधन केन्द्र (ईआरसी)
दर्ज किए गए है। इस कार्यकाल के दौरान 108 में कार्यरत् कुशल ईमरजेन्सी मेडिकल टक्नीशयनों ने 12,947 से अधिक सफल प्रसव करवायें हैं और कुल 82,569 सड़क दुर्घटनाओं में दुर्घटना ग्रस्त लागों को आपातकालीन सेवा प्रदान की है तथा उन्हें सफलता पूर्वक प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में अब तक भर्ती करवाया है।
● प्रतिदिन औसतन 2468 कॉल्स की जाती है दर्ज
आपातकालीन प्रबंधन केन्द्र पर की गई कोई भी कॉल जान बचाने जैसी आपातकालीन कॉल के रूप में ली
जाती है। सोलन स्थित आपातकालीन प्रबंधन केन्द्र में प्रतिदिन औसतन 2468 कॉल्ज दर्ज की जाती है
जिनमे से 99 प्रतिशत कॉलज का तत्क्षण उत्तर दिया जाता है। ऐंबुलेंस भेजने की इस प्रक्रिया में कोई त्रुटि
न रह जाए यह सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन केन्द्र में कार्यरत आपातकालीन प्रतिक्रिया अधिकारी तथ्यों को एकत्रित करता है।
● हर एम्बुलेंस होती है GPS यंत्र से लैस
हर एंबुलेंस एक GPS यंत्र से लैस होती है जिस के परिणामस्वरुप ERO नजदीकी वाहन को
GOOGLEMAP में देखकर नजदीकी एंबुलेंस को जल्द से जल्द घटनास्थल पर भेजता है जिसके परिणाम स्वरूप पीडित को “Golden Hour” के भीतर उचित अस्पताल पूर्वक देखभाल नहया करवाई जाती है जोकि हिमाचल में Sustainable Development Goals को पूरा करने में सहायक सिद्ध हुई है।
● कोरोनाकाल में वरदान साबित हुई है 108 आपातकालीन सेवा
ऐंबुलेंस को घटनास्थल पर भेजने की पूरी प्रक्रिया केवल 87 सेकंड में ही पूर्ण कर ली जाती है। दुर्गम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस प्रदेश में ऐसी सेवाएं प्रदान करना अपने आप में बहुत बड़ी चुनौति है। यह सेवा भाहरी इलाकों में औसतन 13 मिनट व 35 सेकिंड और ग्रामीण इलाकों में 38 मिनट व 49 सेकिंड के भीतर पहुंचकर जरूरी उपचार देकर विश्व में स्थापित Golden Hour के Concept को पूर्ण करने में सफल रही है।
108 आपातकालीन सेवा COVID- 19 के मुश्किल वक्त में प्रदेशवासियों के लिए आशा और विश्वास की एक सच्ची
साधी बनी हुई है। यह सेवा प्रदेशवासियों के लिए COVID- 19 के मुश्किल दौर में निसंदेह एक वरदान सिद्ध हुई है।
● अबतक 108 ने संभाले 44,745  कोरोना मामले
108 आपातकालीन सेवा द्वारा सम्भाले गये covID-19 (Suspected/Confirmed) सम्बंधी 44,745
आपातकालीन मामलों का अब तक का जिलावार ब्यौराः- (Data period-1 March 2020 to 25th
December 2021),108 एम्बुलेंस द्वारा अब तक सबसे अधिक COVID- 19 संबंधी केस जिला उना में 9121 (20%) उसके बाद जिला कांगड़ा में 6763 (15%), जिला सोलन में 5637(13%), जिला मण्डी में 5044 (11%) और जिला शिमला में 3947 (9%) किए गए तथा साथ ही हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले किन्नौर में 337 तथा लाहौल-स्पीती में 521 COVID-19 संबंधी केस किए।
अब तक 108 एम्बुलेंस सेवा द्वारा जो भी COVID- 19 संबंधी केस निपटाए गए उनमें 65 % male थे तथा 35
% female है।
● ये बोले जीवीके ईएमआरआई के स्टेट हेड
वहीं 11 साल पुरे होने पर मेहूल सुकुमारन स्टेट हैड, जीवीक ईएमआरआई, ने हिमाचल प्रदेश ने समस्त जीवीके टीम को इस उपलब्धि पर बधाई दी व साथ ही उन्होंने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश सरकार एवं एन.एच.एम., मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा जिला चिकित्सा अधिकारियों का covID-19 के दौरान निरन्तर सहयोग प्रदान करने के लिए सादर आभारी है। उन्होंने कहा कि 108 एम्बुलेंस सेवा के कर्मचारी पूर्णरूप से निपुण हैं तथा वह किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति को सफलतापूर्वक निपटाने में सक्षम है।