हिमाचल में 100 औद्योगिक इकाइयों ने किया लीज ट्रांसफर करने के लिए आवेदन

उद्योगों का पलायन रोकने के लिए हिमाचल में बिजली टैरिफ होगा कम: हर्षवर्धन उद्योगों का बन्द होना एक सामान्य प्रक्रिया

शिमला, 04 सितंबर। हिमाचल प्रदेश में 100 उद्यमियों ने अपनी लीज ट्रांसफर करने के लिए आवेदन किया है। 100 उद्यमी ऐसे हैं, जिन्होंने अपना बिजली का कनेक्शन काटने के लिए आवेदन किया है। यही नहीं कई उद्यमियों ने अपना जीएसटी नंबर सरेंडर कर दिया है और इसकी जानकारी आबकारी एवं कराधान विभाग से मांगी गई है। उद्योग मंत्री हर्षवधन चौहान ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक जनक राज और जीत राम कटवाल के संयुक्त सवाल के जवाब में यह बात कही। दोनों विधायकों ने सवाल किया कि प्रदेश में पहली जनवरी 2023 से 30 जून 2024 तक प्रदेश में कितने नए उद्योग शुरू हुए हैं। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि प्रदेश में कई औद्योगिक इकाइयां बंद होकर दूसरे राज्यों में पलायन कर रही है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में पहली जनवरी से 2023 से 30 जून 2024 तक 5293 नए उद्योग आरंभ हुए हैं। मंत्री ने कहा कि प्रदेश में केवल एक इकाई मैर्सज के किरण पी. इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने हरियाणा राज्य में पलायन किया है। उद्योग मंत्री ने कहा कि सिंगल विंडों क्लीयरेंस कमेटी के तहत 402 उद्यमियों को काम शुरू करने की परमिशन दी गई है। इससे प्रदेश में 8459 करोड़ रुपए का निवेश होगा और इसमें 29970 लोगों को रोजगार मिलेगा। उद्योग मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा कि क्या एक्सपेंशन को नए उद्योग में शामिल किया गया है। बिक्रम ठाकुर ने सरकार से जानना चाहा कि नए उद्योगों को उन्होंने किस तरह से परिभाषित किया है। उन्होंने मंत्री पर सदन को गुमराह करने का भी आरोप लगाया और कहा कि हकीकत तो यह है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश से उद्योग पलायन कर रहे है। इस पर उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जो 5293 उद्योग लगे हैं। इसमें सभी छोटे, मध्यम और बड़े स्तर के उद्योग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग का बंद होना सामान्य प्रक्रिया है। उद्यमी सरकार को बताकर अपना उद्योग बंद नहीं करता है। उन्होंने कहा कि उद्योग बंद होने के कई कारण हो सकते हैं। कई घाटे के कारण अपना उद्योग बंद करते हैं तो कई दूसरे अन्य कारणों से बंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री के बंद होने की सरकार को कोई सूचना नहीं है, सरकार इसके कारणों का पता लगाएगी। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि प्रदेश में उद्योगों के पलायन को रोकने के लिए पड़ोसी राज्य की तुलना पर बिजली टैरिफ एक रुपए कम होगी। उद्योग मंत्री ने कहा कि इस संबंध में उनकी मुख्यमंत्री से भी बात हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि उद्योगों को दी जाने वाली सब्सिडी जारी रहेगी, ताकि उद्योग पलायन न करे।