आशा कार्यकर्ताओं की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी जयराम सरकार
शिमला, 17 मई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला से वर्चुअल माध्यम द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए उन्हें होम आइसोलेशन में कोविड-19 रोगियों के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने का आग्रह किया ताकि उनके स्वास्थ्य मानकों पर उचित निगरानी रखी जा सके।
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में लगभग 90 प्रतिशत कोविड-19 रोगी होम आइसोलेशन में हैं और रोगियों तथा स्वास्थ्य विभाग के मध्य समन्वय स्थापित करने में आशा कार्यकर्ताओं की सेतु के रूप में कार्य करने की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि कोविड रोगियों को होम आइसोलेशन से अस्पतालों में स्थानांतरित करने में देरी रोगियों की मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को रोगियों के मापदंडों की नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए और यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता हो तो उन्हें तुरंत अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के प्रथम चरण के दौरान एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान को सफलता दिलाने में आशा कार्यकर्ताओं ने अहम भूमिका निभाई। इस अभियान के कारण ही राज्य सरकार सह-रुग्णता वाले लोगों की पहचान करने और निवारण के उपाय करके उन्हें कोरोना वायरस से बचाने में सक्षम हुई। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को महामारी के दौरान क्या करें और क्या न करें, के बारे में आम जनता को शिक्षित करने के लिए आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को रोगियों को दवाओं के उपयोग करने और स्वच्छता बनाए रखने के बारे में भी परामर्श देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को रोगियों को मनोबल बढ़ाने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए ताकि वह शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं होम आइसोलेशन में 200 से अधिक कोविड-19 रोगियों से बात की है और सभी ने आशा कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को लोगों को टीकाकरण का पंजीकरण करवाने के लिए प्रेरित करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे देश के अन्य हिस्सों से अपने क्षेत्रों में आने वाले लोगों पर भी नजर बनाए रखने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाए रखें। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को होम क्वारंटाइन में रहने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए और यदि उनमें कोई लक्षण हैं तो उनका परीक्षण अवश्य करवाया जाना चाहिए।
जय राम ठाकुर ने आशा कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि उनकी सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।