शिमला, 12 मई। पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 रोगियों की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ने पर उन्हें समय पर होम आइसोलेशन से अस्पताल पहुंचाने की परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए आगे आना चाहिए ताकि रोगियों को अस्पताल में बेहतर उपचार प्रदान किया सके। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह बात आज शिमला से पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों से विवाह समारोहों के दौरान सख्त निगरानी रखने का आग्रह करते हुए कहा कि यह पाया गया है कि कुछ लोग इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि सुनिश्चित करें कि ऐसे समारोहों में केवल 20 लोग ही उपस्थित हों।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को राज्य के बाहर से गांवों में आ रहे लोगों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए ताकि उन्हें होम क्वारंटीन में रहने के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों और ऐसे समारोह जिनमें अधिक संख्या में लोगों के इकट्ठे होने की संभावना हो, के बारे में जिला प्रशासन को भी अवश्य सूचना दी जानी चाहिए। लोगों को होम क्वारंटीन प्रोटोकॉल की सख्त अनुपालना के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों को होम क्वारंटीन में लोगों पर नजर रखनी चाहिए और उन्हें चिकित्सा सहायता, दवाइयां और आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल स्थानान्तरित करने के लिए प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को कोविड-19 मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए सहायता प्रदान करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से ग्रसित व्यक्ति के अंतिम संस्कार के समय उचित प्रोटोकॉल का अनुपालन करना चाहिए। लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रतिनिधियों से दिव्यांगों के टीकाकरण के लिए सहायता प्रदान करने के लिए आग्रह किया। इससे न केवल अच्छी भावना जागृत होगी बल्कि राज्य में अधिक से अधिक लोगों के टीकाकरण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह सभ्य समाज के हर नागरिक का यह नैतिक कर्तव्य है कि वह इस वायरस के प्रसार को रोकने में राज्य सरकार की मदद करें।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रतिनिधियों को पंचायतों को राज्य की विभिन्न पंचायतों के गांवों में कठिन समय से गुजर रहे लोगों को चिन्हित करना चाहिए ताकि उन्हें आपदा की घड़ी में भोजन, रहने का स्थान और उनकी अन्य जरूरतों को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करनी चाहिए और जिला प्रशासन को सूचित करना चाहिए ताकि उन्हें जरूरी सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि संकट के समय में लोगों की मदद करना निःसंदेह ही प्रशंसनीय परोपकारी कार्य है, इसलिए पंचायती राज संस्थाओं को लोगों को संक्रमितों की मदद तथा अन्य को भी संक्रमण से बचाने के लिए प्रेरित करने के लिए आगे आना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी की दूसरी लहर अधिक घातक है और यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आवश्यकता को पूरा करने के लिए अतिरिक्त बिस्तरों की क्षमता से सृजित कर रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोगियों के उचित उपचार के लिए दवाइयों, ऑक्सीजन और अन्य चीजों की कोई कमी नहीं है।