हिमाचल में हल्की पड़ी मॉनसून की वर्षा

किन्नौर और लाहौल स्पिति में पटरी पर लौटने लगा जनजीवन

सांगला-छितकुल मार्ग पर सीमित यातायात की अनुमति

मारकंडा ने लाहौल के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया दौरा

शिमला, 29 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की हो रही भारी से बहुत भारी वर्षा में कुछ कमी आई है जिससे राज्य में जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है। भारी वर्षा से सबसे अधिक प्रभावित लाहौल स्पिति, किन्नौर, कुल्लू, शिमला, मंडी और चंबा जिलों में जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। लाहौल स्पिति में जहां भारी वर्षा और बादल फटने की घटना से बंद पड़ी सड़कों को खोलने और बाढ़ में बह गए पुलों के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है वही किन्नौर जिला में जिला प्रशासन ने सांगला से छितकुल के बीच सीमित यातायात की अनुमति दी है ताकि किसान अपने उत्पाद मंडियों तक पहुंचा सकें और सेना के वाहन भी आवश्यक सामान लेकर इधर-उधर आ जा सकें। किन्नौर जिला प्रशासन ने सांगला छितकुल मार्ग को आज से दोपहर बाद दो बजे से अढ़ाई बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए खोलने का निर्णय लिया है।

लाहौल के उदयपुर क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ के चलते बहे कुल 10 लोगों में से 7 लोगों के शव चलाए गए सर्च और रेस्क्यू अभियान में मिल चुके हैं। जबकि 3 अन्य की तलाश की जा रही है। उपायुक्त लाहौल स्पिति नीरज कुमार ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम इस कार्य में अभी भी जुटी हुई है।

उन्होंने कहा कि उदयपुर को पांगी घाटी के साथ जोड़ने वाले मडग्रां  पुल को बीआरओ द्वारा कल तक बहाल करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। जबकि शांशा और थिरोट  पुल तक जाने वाली क्षतिग्रस्त सड़क को भी पानी का स्तर कम होते ही बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरी तरह से बह गए जाहलमा पुल के स्थान पर फिलहाल आवाजाही के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर रज्जू मार्ग और पैदल रास्ते के निर्माण को भी जल्द पूरा किए जाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण पूरी पट्टन घाटी प्रभावित हुई है। इस क्षेत्र में कृषि को नुकसान हुआ है और कृषि कार्य भी प्रभावित हुआ है। व्यवस्थाओं को भी बहाल करने में कार्य योजना के तहत कदम उठाए जा रहे हैं।

उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ के चलते जो 72 श्रद्धालु फंस गए थे वे सभी सुरक्षित हैं और उन्हें त्रिलोकनाथ मंदिर परिसर में ठहराया गया है। मंदिर ट्रस्ट की ओर से उनके रहने और खाने की व्यवस्था हो रही है।

उन्होंने कहा कि मडग्रां पुल बहाल होने के बाद जो श्रद्धालु पांगी क्षेत्र के हैं वे आसानी से वापिस जा सकते हैं। अधिकतर श्रद्धालु कुल्लू जिला से संबंधित हैं। श्रद्धालुओं ने प्रशासन के समक्ष ये बात रखी है कि वे अपने वाहनों को फिलहाल यहीं छोड़ जाएंगे। सड़क और पुल बहाल होने के बाद वे इन वाहनों को वापस ले जाएंगे। इन श्रद्धालुओं की वापसी की भी व्यवस्था की जा रही है।

उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कल सुबह हेलीकॉप्टर के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे और प्रभावित हुए लोगों के साथ भेंट करेंगे।

इस बीच लाहौल स्पिति के विधायक व जनजातीय विकास मंत्री डा. रामलाल मार्कंडा ने आज लगातार दूसरे दिन जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया।