3 मई से राज्य में नहीं चलेंगी निजी बसें
शिमला, 25 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में बिगड़े कोरोना के हालात के बीच प्रदेश की सड़कों पर सन्नाटा छाया हुआ है। हालात ये हैं कि राज्य में अघोषित लॉकडाउन हो गया है। सवारियां न होने के चलते निजी बस आप्रेटर नाममात्र की ही बसें चला रहे हैं जबकि एचआरटीसी की बसें भी बहुत कम संख्या में चल रही हैं। क्योंकि इन बसों को भी सवारियां नहीं मिल रही हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा शनिवार और रविवार को प्रदेश के बाजार बंद रखने के फैसले का राज्य के लोगों पर खासा असर दिखा है। दो दिनों से लोग घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। कोरोना के मामलों की नई ऊंचाइयां छूने के चलते लोगों में डर का माहौल है और अधिकांश लोगों ने घरों से बाहर निकलना अपने आप ही बंद कर दिया है। नतीजतन सड़कें, बाजार और सभी सार्वजनिक स्थान सुनसान हो गए हैं। देश के अन्य हिस्सों में कोरोना के मामलों में भारी बढ़ोतरी के चलते पर्यटकों ने पहले ही प्रदेश का रुख करना बंद कर दिया है।
इस बीच कोरोना संकट के बीच प्रदेश सरकार का संकट और बढ़ने वाला है। राज्य के निजी बस आप्रेटरों ने 3 मई से प्रदेश में बसों का परिचालन बंद करने की धमकी दी है। निजी बस आप्रेटर कोरोना के कारण छाई मंदी को देखते हुए टैक्स माफी और वर्किंग कैपिटल की सरकार से मांग कर रहे हैं। सरकार इस बारे में कई बार इन निजी बस आप्रेटरों को आश्वासन भी दे चुकी है लेकिन इनकी मांगें ज्यों की त्यों लंबित हैं। ऐसे में अब इन निजी बस आप्रेटरों ने कहा है कि वह 3 मई तक मांगें मानने का इंतजार करेंगे और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो 3 मई को वह जिलाधीशों को अपनी बसों की चाभियां और रूट परमिट सौंप देंगे।
उधर राज्य पथ परिवहन निगम भी आने वाले दिनों में अपने बस रूटों में कटौती करने जा रहा है। खासकर प्रदेश के बाहर चलने वाली लाँग रूट की बसों में कमी होना तय है क्योंकि दिल्ली और चंडीगढ़ रूट पर चल रही परिवहन निगम की वॉल्वो बसों में केवल 15 प्रतिशत सवारियां ही मिल पा रही हैं।