हिमाचल में भारी वर्षा ने फिर मचाया कोहराम

हिमाचल में भारी वर्षा ने फिर मचाया कोहराम
भारी वर्षा और बाढ़ जैसी स्थिति के चलते आधा दर्जन से अधिक सब डिवीजन में शिक्षण संस्थान बंद
तीन राष्ट्रीय राजमार्गों और 398 अन्य सड़कें अवरुद्ध
घर पर भारी भरकम चट्टान गिरने से नव दंपति की मौत
शिमला, 21 जुलाई।
कुछ दिनों की राहत के पास हिमाचल प्रदेश में मानसून फिर से कहर बनकर टूटा है। राज्य में बीती रात से हो रही भारी से बहुत भारी वर्षा के चलते तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 398 सड़कें बंद हो गई हैं। सर्वाधिक 242 सड़कें मंडी जिला में बंद हैं जबकि चंबा में 25, कुल्लू में 55, सिरमौर में 27 और शिमला में 27 सड़कें बंद हैं। बाढ़ तथा भूस्खलन जैसी परिस्थितियों के मध्य नजर सोमवार को आधा दर्जन से अधिक सब डिवीजन में शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। इनमें थुनाग, शिलाई, कुमारसैन, जुब्बल, रोहड़ू, जलोग और चौपाल शामिल हैं। राज्य में बिजली के 682 ट्रांसफार्मर और 151 पेयजल योजना भी ठप्प हो गई हैं। भारी वर्षा के चलते चंबा जिला में एक मकान के चट्टान की चपेट में आ जाने से एक नवदंपति की मौत भी हो गई है। प्रदेश में हो रही इस भारी से बहुत भारी वर्षा के चलते जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त है।
आपदा से जूझ रही मंडी जिले की सराज घाटी में भारी वर्षा के चलते बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। कुल्लू और सिरमौर जिले में जगह-जगह भूस्खलन हुए हैं। भूस्खलन से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे मंडी और पंडोह के बीच 4 मील और मून होटल के पास बंद हो गया है जिस कारण वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। प्रशासन ने कुल्लू की ओर जाने वाले यात्रियों से कटौला-कटिंडी मार्ग के उपयोग की अपील की है। मंडी जिले के थलौट में पेट्रोल पंप के पास भारी भूस्खलन हुआ जिसमें एक गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। पंडोह–औट मार्ग कैंची मोड़ के पास लगातार गिरते पत्थरों के कारण पूरी तरह बंद है। स्थिति सामान्य होने के बाद ही बहाली कार्य शुरू किया जाएगा।
मनाली और इसके आसपास के क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हो रही है। कुल्लू जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, जिससे कई संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। औट-लुहरी नेशनल हाईवे-305 आनी उपमंडल में खनाग के समीप झेड नामक स्थान पर सड़क धंसने से बन्द हो गया है। सैंज घाटी के रोपा-सैंज मार्ग पर भी भूस्खलन के चलते रास्ता बंद हो गया है।
सिरमौर जिले में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। लगातार बारिश के चलते गिरी नदी का जलस्तर बढ़ने से गिरी जटोन डैम के चार गेट खोल दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की हिदायत दी है। एनएच-707 पर पांवटा साहिब-शिलाई मार्ग पर उतरी गांव के पास भूस्खलन हुआ है, जिससे यह मार्ग यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
शिमला जिले में भी लगातार हो रही भारी बारिश के कारण हालात खराब हैं। शिमला-हाटकोटी-त्यूणी मार्ग पर कुड्डू के समीप भारी भूस्खलन हुआ है जिसके चलते यह मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है और सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर रोक लग गई है। इस भूस्खलन के चलते त्यूणी से उत्तराखंड को जाने वाला मुख्य संपर्क मार्ग पूरी तरह कट गया है। शिमला चौपाल मुख्यमार्ग जगह-जगह पर पेड़ गिरने से बंद हो गया है जिस कारण सेब से लदे व अन्य वाहन फंसे गए हैं।शिमला शहर के संजौली कॉलेज के पास दो बड़े-बड़े पेड़ गिर जाने से दो गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई और ये सड़क कई घंटे यातायात के लिए बंद रही।
लगातार हो रही भारी बारिश के चलते किन्नौर जिला प्रशासन ने किन्नर कैलाश यात्रा को एक दिन के लिए फिर से स्थगित कर दिया है। प्रशासन ने यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए लिया है। लगभग 300 यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ठहराया गया है जबकि दर्शनों के लिए निकल गए 40 श्रद्धालुओं को वापस लाया जा रहा है।
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लारजी, नाथपा और कोल डैम के गेट खोले गए
हिमाचल प्रदेश के अधिकांश इलाकों में हो रही मूसलाधार वर्षा के चलते राज्य के अधिकांश नदी-नाले उफान पर हैं। ऐसे में प्रदेश में स्थित सभी जलाशयों में भी भारी मात्रा में पानी पहुंच रहा है। इसके मध्य नजर लारजी, कोल डैम और नाथपा बांधो से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है। इसे देखते हुए स्थानीय प्रशासनों ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से ब्यास और सतलुज नदियों के किनारों से दूर रहने की अपील की है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
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कहां कितने बरसे बादल
हिमाचल प्रदेश में बीती रात से हो रही बारिश बहुत भारी वर्षा के चलते जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है वहीं इस दौरान कांगड़ा में सर्वाधिक 147.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा नगरोटा सुरियां में 127.4, चुवाड़ी में 118.3, मंडी में 112.4, जोगिंदर नगर में 100, नाहन में 95.7, पंडोह में 86.9, पच्छाद में 85.3, कुफरी में 76, जटोन बैराज में 75, जोत में 74, सुंदरनगर में 73.3, बग्गी में 73.5, मलरोण में 73, गूलेर में 70.4, पालमपुर में 69.4 और शिमला में 46 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
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भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने प्रदेश में मौनसून के पूरी तरह सक्रिय बने रहने और राज्य के अधिकांश स्थान पर भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग ने 21 जुलाई को राज्य के 6 जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के लिए भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है जबकि 22 जुलाई को मौसम विभाग ने चंबा और कांगड़ा जिलों के लिए भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जबकि ऊना, मंडी और सिरमौर जिलों के लिए भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार प्रदेश में मानसून 27 जुलाई तक पूरी तरह सक्रिय बना रहेगा और मानसून की मूसलाधार वर्षा का क्रम जारी रहेगा।