हिमाचल में भारी वर्षा का दौर जारी

हिमाचल में भारी वर्षा का दौर जारी
एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 296 सड़कें बन्द
प्रदेश में आज और कल चार जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट
शिमला, 03 अगस्त।
हिमाचल प्रदेश में आसमानी आफत का दौर लगातार जारी है। राज्य में हो रही भारी से बहुत भारी वर्षा के चलते एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 296 सड़कें अबरुद्ध हैं जबकि 134 बिजली ट्रांसफार्मर और 266 पेयजल योजनाएं भी ठप्प हैं।
प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी से बहुत भारी वर्षा से सबसे अधिक प्रभावित ऊना जिला पर एक बार फिर आसमानी आफत का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग द्वारा जारी ताजा पूर्वानुमानों में 4 अगस्त को ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ऊना में 2 अगस्त को एक ही दिन में 222.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसके चलते पूरे ऊना जिला में बाढ़ जैसी स्थिति है और ऊना जिला मुख्यालय में तीन से चार फीट तक पानी भर गया है। इसके अलावा विभाग ने 4 अगस्त को कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए भी भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने 5 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के लिए भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जबकि हमीरपुर, मंडी, शिमला और सोलन जिलों के लिए भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार अन्य जिलों में भी इस दौरान मौनसून पूरी तरह सक्रिय बना रहेगा और मौनसून की वर्षा जारी रहेगी। विभाग का कहना है कि राज्य में आने वाले दिनों में भी मौनसून की सक्रियता बनी रहेगी और लगातार वर्षा का दौर जारी रहेगा।
इस बीच बीते 24 घंटे के दौरान राज्य के भराड़ी मैं सर्वाधिक 108.2 मिलीमीटर, मुरारी देवी में 82, नैना देवी में 74.4, मलरौंन में 56.2, भरमाणी में 45.4, ऊना में 38, जोत में 36.2, बड़सर में 23, नांगल डैम में 21, हमीरपुर और चंबा में 18 और जोगिंदर नगर में 17 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में बीते 24 घंटे के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज किया गया।
इस बीच प्रदेश में मौनसून की दस्तक के बाद से अभी तक मौनसून से जुड़ी घटनाओं में 184 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 36 अन्य लापता हैं। सर्वाधिक 27 लोग मंडी जिला से लापता हैं। राज्य में अभी तक मानसून के कारण आई बाढ़, फ्लैश फ्लड, भूस्खलन और इसी तरह की अन्य घटनाओं के कारण सरकारी व निजी संपत्ति को 1714 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान आंका जा चुका है। राज्य में अभी तक मौनसून से जुड़ी घटनाओं में सर्वाधिक प्रभावित जिला मंडी है।