शादियों में कोरोना नियम तोड़ने वालों पर मुख्यमंत्री के कई कार्रवाई के निर्देश
जयराम ठाकुर ने शिमला में कोरोना प्रबंधन की सुविधाएं बढ़ाने का लिया जायजा
शिमला, 1 मई। हिमाचल प्रदेश में फिलहाल कोरोना की नई बंदिशें नहीं लगेंगी। प्रदेश सरकार पहले से ही जारी बंदिशों को और कड़ाई से लागू करेगी ताकि कोरोना संक्रमण को रोका जा सके और लोगों को भी ज्यादा मुसीबतों का सामना न करना पड़े। ये बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला में राज्य में कोरोना की ताजा स्थिति की उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को शादियों और धाम में कोरोना एसओपी को तोड़े जाने के संबंध में शिकायतें मिली हैं तथा वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। उन्होंने ऐसे मामलों में अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आज शिमला में विभिन्न स्थानों पर कोरोना मरीजों के प्रबंधन के लिए बिस्तरों की नई की जा रही व्यवस्था का भी जायजा लिया। इस बीच उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए हाल ही में गठित समितियों द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने लॉजिस्टिक समिति को सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की उपलब्धता की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने के साथ-साथ समय पर ऑक्सीजन सिलेण्डरों के ऑर्डर देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिति अन्तर जिला व अन्तर संस्थान दोनों जगह आवश्यकता व मरीजों की संख्या के अनुसार ऑक्सीजन सिलेण्डरों को समय पर भेजने का निर्णय भी ले। समिति यह भी सुनिश्चित करे की पीएसए प्लांट तुरन्त कार्यशील बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्तरों पर अतिरिक्त बिस्तर क्षमता को सृजित करने के लिए प्रभावी योजना बनाई जाए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन के उत्पादन में वृद्धि लाने के साथ नए ऑक्सीजन प्लांट के कार्य में तेजी लाने के प्रयास किए जाएं। सभी ऑक्सीजन प्लांट में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि उत्पादन प्रक्रिया सरल बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि मृत्यु दर को कम करने के लिए होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों को शीघ्र अस्पताल में दाखिल किया जाए।
जय राम ठाकुर ने मीडिया/आईईसी समिति को अद्यतन डाटा तथा सही जानकारी प्रभावी रूप से मीडिया को प्रदान करने के साथ-साथ सभी स्तर पर जानकारी उपलब्ध करवाने में आने वाली कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मीडिया को समय पर जानकारी प्रदान की जाए ताकि उन्हें वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि मीडिया को समय पर वांछित जानकारी प्रदान करने के प्रयास किए जाएं, जिसके लिए समिति द्वारा नियमित तौर पर जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 मरीज एवं एम्बुलैंस प्रबन्धन समिति कोविड के मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाने तथा वापिस घर लाने के लिए सुचारू यातायात सुविधा सुनिश्चित करे। मरीजों की उचित अंतर जिला आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए निजी वाहनों का भी उपयोग किया जा सकता है जिसमें मरीज तथा चालक को पारदर्शी शील्ड के उपयोग से अलग-अलग रखा जा सकता है। उन्होंने समिति को निर्देश दिए कि मरीजों के लक्षणों का विश्लेषण करने के उपरान्त उपयुक्त स्वास्थ्य संस्थान तक मरीज को पहुंचाने के साथ-साथ मरीज की अंतर जिला या अंतर संस्थान आवाजाही के बारे में निर्णय लें। उन्होंने कहा कि समिति आवश्यक दवाइयों के प्रापण तथा आवाजाही पर भी निर्णय ले तथा कोविड समर्पित संस्थान में दवा की कमी न आने दें।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 से निपटने के लिए बिस्तर क्षमता को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अतिरिक्त बिस्तर क्षमता के सृजन के लिए एक प्रभावी योजना समय की आवश्यकता है।
कोविड मरीजों की लिए संभावनाएं तलाशी
मुख्यमंत्री ने शिमला के इण्डस अस्पताल तथा सेना अस्पताल (वाकर होस्पिटल) का दौरा किया ताकि इन अस्पतालों में कोविड के मरीजों के ईलाज के लिए संभावनाएं तलाशी जा सकें। उन्होंने आरट्रेक के लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला तथा इण्डस अस्पताल के डा. बालकराम वर्मा से चर्चा की। उन्होंने टूटीकंडी स्थित आईएसबीटी पार्किंग का दौरा किया ताकि इसकी ऊपरी मंजिल को मेकशिफ्ट कोविड अस्पताल की तरह उपयोग करने की संभावनाएं तलाशी जा सकें।
उदारमा से योगदान देने की अपील
मुख्यमंत्री ने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व समिति को प्रदेश के कॉरपोरेट घरानों को एचपी एसडीएमए कोविड-19 निधि में उदारता से योगदान देने तथा इस महामारी से लड़ने में प्रदेश की सहायता करने में योगदान करने के प्रति प्रेरित के लिए कहा। उन्होंने कहा कि समिति सभी सम्भावित योगदान दाताओं तथा औद्योगिक संघों के साथ निधि में उदारता से योगदान देने के लिए समन्वय स्थापित करे। प्रदेश में सभी स्वास्थ्य संस्थानों के साथ प्रभावी सम्पर्क बनाए जाएं ताकि संसाधनों के उपयोग और उन्हें जुटाने में आने वाली समस्याओं का पता लगाया जा सके तथा दान की गई वस्तुओं को उचित उद्देश्य के लिए प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंचाया जा सके।