हिमाचल में फर्जी डिग्री और छात्रवृति घोटालों का गिरोह अभी भी सक्रिय : अभाविप
शिमला, 9 मार्च। हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में शिक्षा में नए बदलाव करने की बात कही है जो स्वागत योग्य है लेकिन धरातल की सच्चाई के अनुसार प्रदेश के वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य की यदि बात करें तो परिस्थितियां इन सभी चीजों से एकदम विपरीत है। ये बात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत सह मंत्री विक्रांत चौहान ने आज शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज शिक्षा के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा चरम सीमा पर है। हाल ही में छात्रवृत्ति घोटाला उजागर हुआ है जो बहुत ही शर्मनाक है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पिछले कई वर्षों से शिक्षा के व्यापारीकरण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में एमबीयू का फर्जीवाड़ा सामने आया है जिसमें ईडी ने कार्रवाई करते हुए एमबीयू के मालिक की संपत्ति जब्त की है। परंतु प्रदेश सरकार इस मामले से जुड़े किसी भी दोषी की गिरफ़्तारी तक करवाने में असफल रही है।
विक्रांत ने कहा कि विद्यार्थी परिषद् ने सबसे पहले इस मामले को नियामक आयोग के समक्ष रखा था और विद्यार्थी परिषद का प्रतिनिधि मंडल तत्कालीन शिक्षा मंत्री से भी मिला था लेकिन न तो मामले में संलिप्त आरोपियों की कोई गिरफ्तारी हुई, न ही ऐसे संस्थानों की मान्यता रद्द की गई। हाल ही में उजागर हुए छात्रवृत्ति घोटाले में विद्यार्थी परिषद ने मांग की है कि जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो और ऐसे संस्थानों को चिन्हित करते हुए उन संस्थानों की मान्यता रद्द की जाए।