कोरोना कर्फ्यू सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर होंगे निर्णय
शिमला, 23 मई। हिमाचल प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू अभी जारी रहेगा या सरकार इसमें कुछ राहत देगी इस पर कल शिमला में होने जा रही प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में फैसला ले लिया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कल मंत्रिमण्डल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में कोरोना कर्फ्यू के अलावा प्रदेश की आर्थिक स्थिति और राज्य में कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान पर भी फैसला लिए जाने की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश में 26 मई सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लागू है। ऐसे में इस कर्फ्यू को अब और आगे बढ़ाया जाना है या फिर इसमें सरकार राहत देगी इस पर कल अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कोरोना कर्फ्यू पर कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले जहां स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर कल मंत्रिमण्डल के सामने प्रस्तुति देगा वहीं राज्य की डिजास्टर मैनेजेमेंट अथॉरिटी सहित अन्य विभाग भी मंत्रिमण्डल के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। सूत्रों के मुताबिक कोरोना कर्फ्यू के अलावा मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर प्रमुखता से विचार होगा। कोरोना कर्फ्यू के चलते इस समय प्रदेश में तमाम आर्थिक गतिविधियां ठप्प हैं। ऐसे में सरकार पर आम कारोबारियों के अलावा पर्यटन उद्योग से कोरोना कर्फ्यू में छूट को लेकर भारी दबाव है। हालांकि सरकार को ये भी मालूम है कि हिमाचल के अधिकांश पड़ोसी राज्यों में कोरोना कर्फ्यू 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। नतीजतन अगले कुछ दिन न तो प्रदेश में बाहर से पर्यटकों के आने की संभावना है और न ही अन्य व्यापारिक गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में सरकार कोरोना कर्फ्यू को कुछ दिन और बढ़ा सकती है ताकि कोरोना संक्रमण को और तेजी से नीचे लाया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने संकेत दिए हैं कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक आ चुका है और अब इसमें लगातार कमी आ रही है। प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामले 40,000 से कम होकर 27000 तक पहुंच गए हैं। रिकवरी रेट भी बढ़कर 82 फीसदी तक पहुंच गया है। हालांकि कोरोना से मौतों की दर 1.51 प्रतिशत है जो काफी अधिक है। ऐसे में सरकार को कोई फैसला लेने से पहले मौतों के आंकड़े पर गौर करना जरूरी होगा।
बहरहाल हिमाचल को कोरोना की पहली लहर के दौरान लगे लॉकडाउन से 30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। अब दूसरी लहर में भी प्रदेश में दो सप्ताह से अधिक समय से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप्प है। नतीजतन सरकार का नुकसान लगातार बढ़ रहा है। अब देखना है कि जयराम ठाकुर सरकार कल मंत्रिमण्डल की बैठक में कोरोना कर्फ्यू बढ़ाती है या फिर प्रदेश में फिर से आर्थिक गतिविधियों के लिए दरवाजे खोलती है। हालांकि कोरोना के मामले में राज्य की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है क्योंकि ये महामारी गांव-गांव तक फैल चुकी है और नियमों में जरा सा ढील भी प्रदेश के लिए और अधिक खतरनाक साबित हो सकती है।