हिमाचल कोविड केयर ऐप आरम्भ, ऑनलाइन होगी मरीजों की निगरानी

हिमाचल कोविड केयर ऐप आरम्भ, ऑनलाइन होगी मरीजों की निगरानी

शिमला, 23 मई। हिमाचल प्रदेश सरकार कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित कर रही है। कोविड मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए राज्य में हिमाचल कोविड केयर मोबाइल ऐप सेवा आरम्भ की गई है। यह सेवा बिना कोविड लक्षण वाले या हल्के लक्षण वाले उन कोविड मरीजों के लिए बहुत लाभदायक होगी, जो अपने नामित डॉक्टर की देखरेख में होम आईसोलेशन में रह रहे हैं। वे कोविड पॉजिटिव मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति की नियमित निगरानी सुनिश्चित करेंगे और यदि किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी तो वे तुरंत निर्णय ले सकेंगे।

इस ऐप पर कोविड-19 मरीज अपने आपको पंजीकृत कर अपने नामित डॉक्टर को लक्षणों के बारे में जानकारी दे सकते हैं। यह मोबाइल ऐप सभी आवश्यक सेवा प्रदाताओं और उपयोगकर्ताओं जैसे रोगियों, डॉक्टरों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों आदि को एक साथ जोड़ेगा। जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी और राज्य के प्रशासनिक अधिकारी भी मरीजों की निगरानी करने के अलावा जिलों में गठित टीमों के कामकाज की निगरानी भी कर सकते हैं।

इस कोविड एप्लीकेशन को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित किया गया है और इसे शीघ्र ही गूगल प्ले स्टोर पर होस्ट किया जाएगा। इसे मोबाइल ऐप स्टोर में www.nrhmhp.gov.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है। ऐप में पहले स्क्रीन पर लॉग-इन करना होगा। लॉग-इन करने के बाद उपयोगकर्ता सही और वैध जानकारी भरेगा और रजिस्टर बटन पर क्लिक करेगा। ऐप पर सफल पंजीकरण के बाद उपयोगकर्ता को उसके डैशबोर्ड पर निर्देशित किया जाएगा, जहां वह अपने लक्षणों और लक्षणों का विवरण भर सकता है।

हिमाचल कोविड केयर मोबाइल ऐप सेवा पर मरीज द्वारा तिथिवार दर्ज किए गए विवरण की स्थिति और उसे निर्धारित दवाओं के आधार पर मरीज की बीमारी की स्थिति की निगरानी भी ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर की जा सकती है। यह ऐप उपयोगकर्ता के लिए पूरी तरह से इको-फ्रेंडली ऐप है और होम क्वारंटीन कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए घर पर नियमित उपचार, देखभाल और अस्पतालों में उनके समय पर रेफर सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगी।

हिमाचल कोविड केयर मोबाइल ऐप से न केवल मरीजों को जरूरी चिकित्सा सहायता उपलब्ध होगी बल्कि महामारी को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने में भी सहायता मिलेगी।