शिमला, 3 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्वर्णिम वाटिका का निर्माण किया जाएगा। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला के निकट करेरू वन भूमि में चेरी ब्लॉसम, जिसे पाजा के रूप में भी जाना जाता है, का पौधा रोपा। उन्होंने वन विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न भागों में स्वर्णिम वाटिका स्थापित करने के कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जो वर्ष भर चलेगा।
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के गौरवशाली 50 वर्षों के उपलक्ष्य में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की शृंखला के अंतर्गत जयराम ठाकुर ने वन विभाग द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्वर्णिम वाटिका स्थापित करने की पहल के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को रमणीक स्थलों को विकसित करने के साथ-साथ प्रकृति के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में शिक्षित करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल प्रदेश के वन क्षेत्र में वृद्धि में सहायक होगी। इससे शहरी और अर्द्धशहरी समुदायों को पौधरोपण गतिविधियों में शामिल कर वनों के महत्व और संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये वाटिका स्थानीय लोगों को मनोरंजन के लिए स्थान उपलब्ध करवाएगी जहां उन्हें पैदल चलने तथा आराम करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने वन विभाग को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि स्थानीय समुदाय विशेषकर शहरी और अर्द्धशहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पर्यावरण और वन संरक्षण जैसे कार्यक्रमों से जुड़ने की आवश्यकता है।
वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि राज्य में वर्ष के दौरान प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 68 स्वर्णिम वाटिकाएं स्थापित की जाएंगी।
प्रधान मुख्य अरण्यपाल, वन डॉ. सविता ने कहा कि कार्यक्रम के अन्तर्गत चेरी ब्लॉसम के औषधीय गुणों वाले 800 पौधे लगाना प्रस्तावित है। इन्हें सामान्य टॉनिक भी माना जाता है और यह शरीर की जलन को दूर करने में भी उपयोगी सिद्ध होते हैं।