हिमाचल की सभी फारेंसिक प्रयोगशालाओं में मिलेगी डीएनए टेस्ट की सुविधा
शिमला, 24 मार्च। हिमाचल प्रदेश जल्द ही देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है जहां राज्य स्तर पर ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं में भी डीएनए टेस्टिंग की सुविधा होगी। साथ ही इन प्रयोगशालाओं को नेशनल एक्रेडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग और कैलिब्रेशन लेबोरेट्री (एनएबीएल) की मान्यता हासिल होगी।
सूत्रों के मुताबिक 20 और 21 मार्च को दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ और कोलकाता से जैव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान के फारेंसिक विशेषज्ञों के चार दिवसीय दल ने क्षेत्रीय फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला मंडी का दौरा किया और प्रयोगशाला में उपलब्ध बुनियादी ढांचे का निरीक्षण किया। इस दौरान एक दल ने प्रयोगशाला में काम कर रहे कर्मियों के स्वास्थ्य, मान्यता प्राप्त सामग्री और परीक्षण में प्रयोग किए जाने वाले रसायन के बारे में जानकारी हासिल की। राज्य फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक अरुण शर्मा ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि स्टेट फारेंसिक साइंस लेबोरेट्री जुन्गा और रिजनल फारेंसिक साइंस लेबोरेट्री धर्मशाला को वर्ष 2018 में ही एनएबीएल की मान्यता मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की इन प्रयोगशालाओं में हर साल लगभग 600 डीएनए सैम्पल प्राप्त हो रहे हैं और प्रयोगशालाएं दो से चार सप्ताह के भीतर डीएनए रिपोर्ट दे रही है।
अरुण शर्मा के मुताबिक एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला की रिपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया जाता है और एनएबीएल से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद संदेह होने या पीछे हटने का कोई कारण नहीं है। एनएबीएल की राज्य की सभी प्रयोगशालाओं को मान्यता मिल जाने से प्रदेश में अपराधियों की सजा की दर बढ़ने की भी उम्मीद है। क्योंकि एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला की रिपोर्ट में उच्च विश्वसनीयता होती है और अदालतें भी ऐसी प्रयोगशाला की रिपोर्ट को अधीमान देती हैं।
हिमाचल में सर्वप्रथम शिमला स्थित जुन्गा फारेंसिक प्रयोगशाला में डीएनए टेस्टिंग की सुविधा आरंभ हुई थी। जबकि क्षेत्रीय फारेंसिक प्रयोगशाला मंडी में ये सुविधा इसी महीने 12 मार्च को आरंभ हुई थी। मंडी में सवा दो करोड़ रुपए की लागत से डीएनए टेस्टिंग के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया गया है। जबिक लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से अलग डीएनए ब्लॉक भी बनाया जा रहा है। उधर क्षेत्रीय फारेंसिक प्रयोगशाला धर्मशाला में आधारभूत ढांचा पहले से ही मौजूद है और इसका कभी भी लोकार्पण तय है।