हल्के कोविड-19 लक्षणों वाले बच्चों का उपचार होम आइसोलेशन में करने के निर्देश

हल्के कोविड-19 लक्षणों वाले बच्चों का उपचार होम आइसोलेशन में करने के निर्देश

शिमला, 11 जून। कोविड-19 के संभावित तीसरी लहर के आने से बच्चों के अधिक प्रभावित होने के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज शिमला में कहा कि बच्चों में पाए जाने वाले कोविड-19 आम लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, अस्वस्थता और कमजोरी शामिल हैं। उन्हें दस्त, उल्टी, भूख न लगना और स्वाद न आना भी हो सकती है। हालांकि हल्के लक्षणों वाले मामलों में सांस की तकलीफ नहीं होती। उन्होंने कहा कि मध्यम व गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई, ऑक्सीजन के स्तर का 94 प्रतिशत से कम होना भी शामिल है। प्रवक्ता ने कहा कि 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए 6 मिनट वॉक टेस्ट माता-पिता व अभिभावकों की देखरेख में हाइपोक्सिक लक्षणों को उजागर करने के लिए किया जाना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों में कोविड के मामलों के प्रबंधन के लिए केाविड के सभी मामलों को 4 श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के उपचार में रेमडेसिविर दवा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इस आयु वर्ग में स्टेरॉयड का उपयोग मध्यम व गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मामलों में सही समय पर, उचित खुराक में और सही अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर ही किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देशों के अनुसार 5 साल तक के बच्चों को मास्क नहीं पहनना चाहिए। 6 से 11 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चे माता-पिता, अभिभावकों की देखरेख में मास्क पहन सकते हैं। 12 साल व इससे अधिक उम्र के बच्चों को व्यस्कों की तरह ही मास्क पहनना चाहिए।