हिमाचल के कैंसर रोगियों को उपचार के लिए अब नहीं काटने होंगे दिल्ली और चंडीगढ़ के चक्कर

हिमाचल के कैंसर रोगियों को उपचार के लिए अब नहीं काटने होंगे दिल्ली और चंडीगढ़ के चक्कर
सुक्खू सरकार से एम्स को लेना है हिम केयर का 49 करोड़
शिमला, 06 जुलाई।
हिमाचल के कैंसर रोगियों को उपचार के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ के अस्पतालों के चक्कर नहीं काटे होंगे। एम्स बिलासपुर में कैंसर रोगियों को पैट स्कैन सुविधा मिलनी आरंभ हो गई है। प्रदेश में बढ़ रहे कैंसर रोगियों की तादाद को देखते हुए एम्स प्रशासन ने  यहां हर तरह की उपचार की सुविधा  उपलब्ध करवाने की तैयारी कर ली है। साथ ही 250 करोड़ की लागत से एम्स में ट्रॉमा सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। ट्रॉमा सेंटर की मंजूरी को केंद्र ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस केंद्र के निर्माण से शिमला मंडी और  शिमला मटौर हाईवे पर हादसे के शिकार लोगों को सुविधा मिलेगी।
एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डीएन शर्मा ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रशासन का लक्ष्य बिलासपुर एम्स को दिल्ली स्टेट अखिल भारतीय आयुर्वेद विज्ञान संस्थान और चंडीगढ़ पीजीआई के समकक्ष बनाना है। एम्स में फैकल्टी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यहां हर तरह की सुविधा मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि एम्स में दो विभागों में विशेषज्ञों व  शिक्षकों की कमी है और बार-बार इसके लिए आवेदन मांगने के बावजूद भी चिकित्सक मानकों पर खरा नहीं उतर रहे हैं जिसके कारण भर्ती करने में विलंब हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं में गर्भाशय व स्तन कैंसर की समस्या बढ़ रही है। एम्स बिलासपुर में हर महीने औसतन 600 से 800 नए कैंसर रोगी उपचार के लिए आ रहे हैं। एम्स प्रदेश का एकमात्र स्वास्थ्य संस्थान है जहां पैट स्कैन के सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ते कैंसर रोगियों के मध्य नजर एआईआईएमएस अध्ययन कर रहा है कि किस इलाके में किस तरह का कैंसर फैल रहा है। इस पर अध्ययन किया जा रहा है ।पत्रकारों के सवाल के जवाब में प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि एम्स में 730 मंजूर बिस्तरों के मुकाबले 728 रोगियों को भर्ती करने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। रोजाना करीब 1500 रोगी यहां ओपीडी में उपचार को आते हैं। स्थापना से अब तक एम्स ने 8.30 लाख रोगियों का उपचार किया है। एम्स के अधोसंरचना विकास को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है जबकि 222 करोड़ का दूसरा चरण का कार्य मंजूर किया गया है। उन्होंने बताया कि एम्स में करीब 1821 फैकेल्टी व नॉन फैकेल्टी कर्मचारी है। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने  एम्स के 45 करोड़ के दो प्रोजेक्ट मंजूर किए हैं। इन मंजूर किए गए प्रोजेक्ट पर जल्द कार्य शुरू होगा । एक सवाल के जवाब में प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि एम्स में 17 में से 14 विशेषज्ञ संकाय सदस्य सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एम्स  सिर्फ उपचार के लिए नहीं बल्कि शोध के लिए भी जाना जाए, यह उनका प्रयास रहेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एम्स परिसर में स्कूल खोलने की योजना है जिससे एम्स के भीतर कार्य करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के बच्चों को शिक्षा की सुविधा परिसर में ही उपलब्ध होगी । कुछ अन्य खामियों को भी जल्द दूर कर लिया जाएगा। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हिम केयर कार्ड से यहां उपचार होता है और सरकार की तरफ 49 करोड़ की देनदारियां बकाया है।