विधानसभा प्रश्नकाल
आंगनबाड़ी केंद्रों में नर्सरी कक्षाओं के मुद्दे पर गरमाया सदन
लाडा का पैसा जमा करने में देर की तो संबंधित कंपनी को भरना होगा ब्याज
शिमला, 10 मार्च। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों में सरकार द्वारा चलाई जा रही प्री-नर्सरी कक्षाओं के मुद्दे पर सदन खूब गरमाया। माकपा के राकेश सिंघा ने इस संबंध में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी से एक साथ कई सवाल किए, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब न मिलने पर सिंघा ने कड़े शब्दों में नाराजगी जताई। इस पर सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री ने भी कड़ा एतराज किया और कहा कि विधायक को सवाल पूछते वक्त शब्दों की मर्यादा नहीं लांघनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने भी राकेश सिंघा को शब्दों की मर्यादा ख्याल रखने की सलाह दी। इस पर माकपा के राकेश सिंघा ने तीखे शब्दों के लिए माफी मांगी और सरवीन चौधरी ने भी उन्हें माफ करने की बात कही, हालांकि इसके बावजूद पूरे प्रश्नकाल के दौरान सदन में माहौल में तल्खी बनी रही।
इससे पूर्व, मूल प्रश्न के उत्तर में सरवीन चौधरी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के दृष्टिगत आंगनबाड़ी केंद्रों में सरकार द्वारा चलाई जा रही प्री-नर्सरी कक्षाओं को बंद करने का कोई विचार नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है। यही टास्क फोर्स नई शिक्षा नीति को लागू करने और अर्ली चाइल्डहुड केयर तथा शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए औपराचिकताओं को अंतिम रूप देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय 18925 आंगनबाड़ी केंद्र और मिनी आंगनबाड़ी केंद्र कार्य कर रहे हैं।
विधायक रमेश धवाला के एक सवाल के जवाब में सरवीन चौधरी ने कहा कि कोविडकाल में जगह-जगह स्वास्थ्य विभाग और उपायुक्तों द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को कोविड ड्यूटी पर लगाया गया था, लेकिन इन्हें सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा कोई अतिरिक्त मानदेय नहीं दिया गया और न ही देने का विचार है। हालांकि चार जिलों बिलासपुर, कांगड़ा, सिरमौर और सोलन में स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें इंसेंटिव दिया है। उन्होंने कहा कि शेष जिलों में भी इन्हें इंसेंटिव देने का मामला स्वास्थ्य विभाग के साथ उठाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड ड्यूटी देते वक्त किसी भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या सहायिका की कोरोना संक्रमण से मृत्यु नहीं हुई है।
विधायक पवन काजल के एक सवाल के जवाब में सरवीन चौधरी ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन पात्रता के लिए सरकार आय सीमा 35 हजार रुपए से अधिक नहीं बढ़ाएगी।
विधायक पवन नैय्यर के एक सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि भविष्य में लाडा का पैसा देर से जमा करवाने पर संबंधित कंपनी को यह पैसा 12 फीसदी ब्याज के साथ जमा करवाना होगा। मूल प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि चंबा जिले में साहू पनबिजली परियोजना द्वारा 31 अक्टूबर 2020 तक 32.50 लाख रुपए लाडा के रूप में जमा करवाए गए हैं। इसके अलावा कंपनी ने परियोजना निर्माण के दौरान अपने स्तर पर 41.55 लाख रुपए विकास कार्यों पर खर्च किए हैं। वहीं, मणिमहेश पनबिजली परियोजना द्वारा लाडा के रूप में 11.95 लाख रुपए जमा करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कैट प्लान के तहत कोई भी धनराशि वन विभाग व अन्यों विभागों को नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि डीसी चंबा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है जो इस बात की जांच करेगी कि साहू पनबिजली परियोजना प्रबंधन द्वारा अपने स्तर पर 41.55 लाख रुपए कहां खर्च किया गया।
विधायक विक्रमादित्य सिंह के एक सवाल पर ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली बोर्ड में 222 जेई की भर्ती की है, लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट से स्टे है। इस स्टे के हटते ही बोर्ड में जेई की कमी काफी हद तक दूर होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस साल अक्टूबर तक लकड़ी के सभी खंभों को लोहे के खंभों से बदल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक 27 हजार खंभों को बदला गया है और 31 मार्च तक एक हजार और खंभे बदले जाएंगे।
वहीं, विक्रमादित्य सिंह के ही एक अन्य सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कहा कि पंचायत चौकीदारों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद विभाग की ओर से सरकार को इन्हें नियमित करने एक प्रस्ताव भेजा जाएगा।
विधायक मोहन लाल ब्राक्टा के एक सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि रोहड़ू क्षेत्र में मौसम की खिलाफ परिस्थितियों में ट्रांसफार्मरों के जलने से होने वाली समस्या को दूर करने के लिए रोहड़ू में सरप्लस ट्रांसफार्मर रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में 31 जनवरी 2021 तक रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र में 73 नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि चिड़गांव में निर्माणाधीन 22 केवी कंट्रोल प्वाइंट का इलेक्ट्रिकल कार्य पूरा हो चुका है। कंट्रोल प्वाइंट यार्ड की फेंसिंग का कार्य प्रगति पर है और 31 मार्च तक इसका निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा।