मंडी, 23 जुलाई : हिमाचल सरकार द्वारा चलाई जा रही रोजगारमूलक योजनाओं का सहारा मिलने से युवाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आने लगा है। ऐसी ही रोजगारमूलक योजनाओं में से एक मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की मदद से अनेक लोग आत्मनिर्भर बन कर सफलता की राह पर आगे बढ़े हैं। मंडी जिला के बल्ह उपमंडल के गागल गांव के युवा अक्षय ठाकुर इनमें से ही एक हैं।
27 वर्षीय अक्षय ने ऑप्टोमेट्री डिप्लोमा (आंखों के परीक्षण-निदान से संबंधित कोर्स) करने के बाद काम की तलाश शुरू की। हालांकि मन में इच्छा अपना कामधंधा शुरू करने की थी, लेकिन साधन इतने नहीं थे कि स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकते। इसी कठिनाई के दौर में उन्हें सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की जानकारी मिली।
अक्षय बताते हैं कि उन्हें जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने युवाओं की मदद को मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत कोई भी हिमाचली युवा व युवती जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच हो और अपना उद्योग स्थापित करना चाहते हों, उनके लिए 40 लाख रुपए तक के निवेश पर 25 प्रतिशत व 30 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।’
12 लाख के लोन से शुरू किया काम
उन्होंने बताया कि उन्होंने मंडी में उद्योग विभाग के जिला कार्यालय में सम्पर्क कर मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत आवेदन दिया। उनका आवेदन जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा के साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भेजा गया। इसके बाद उन्हें बैंक से अपना काम शुरू करने के लिए 12 लाख रुपये का ऋण मिला। इससे उन्होंने जरूरी मशीनें खरीदीं और आज से कोई डेढ़ साल पहले मंडी शहर में स्कूल बाजार में दुकान किराए पर लेकर ‘नैना ऑप्टीकल’ के नाम से ‘कप्यूटराईज्ड आई-टैस्टिंग सेंटर’ स्थापित किया। जिससे अब वे महीने में 30 से 35 हजार रुपए कमा रहे हैं। साथ ही एक व्यक्ति को अपने पास रोजगार भी दे रखा है।
अक्षय ठाकुर ने उनके सपनों को साकार करने वाली मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर का हार्दिक आभार जताया है। उनका कहना है कि यह योजना आत्मनिर्भर बनने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए वरदान सरीखी है।
क्या है मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना
उद्योग विश्रााग मंडी के महाप्रबंधक ओपी जरयाल का कहना है कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वूपर्ण योजनाओं में से एक है, जिसे उद्योग विभाग के जरिए चलाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत कोई भी हिमाचली युवा व युवती जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच हो और अपना उद्योग स्थापित करना चाहते हों, उनके लिए 40 लाख रुपए तक के निवेश पर 25 प्रतिशत व 30 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है । उद्योग की अधिकतम लागत 60 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त योजना के तहत हिमाचली विधवा महिलाओं के लिए जिनकी आयु 45 वर्ष से कम हो को 35 प्रतिशत की अनुदान और ब्याज की दर में 5 प्रतिशत की छूट का भी प्रावधान है।
218 उद्योग लगाने को 45 करोड़ का ऋण
उद्योग विभाग मंडी के महाप्रबंधक ओपी जरयाल बताते हैं कि जिला में बीते दो वर्षों में 218 उद्योग स्थापित करने के लिए लगभग 45 करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 95 मामलों में लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान कर दिया गया है। वर्ष 2020-21 में 7.50 करोड़ रुपए के अनुदान वितरण का लक्ष्य रखा है।
क्या कहते हैं जिलाधीश
जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि जिला प्रशासन यह तय बना रहा है कि जिला में युवाओं को स्वरोजगार लगाने के लिए हर संभव मदद मुहैया करवाई जाए। उन्हें सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले। इसमें मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना बहुत मददगार सिद्ध हुई है। इससे मदद पाकर अनेकों युवा अपना काम धंधा शुरू कर स्वयं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही अन्यों को भी रोजगार देने वाले बने हैं।