सत्ता में आने के बाद भाजपा के लिए बदल गई मंहगाई की परिभाषा : कांग्रेस
शिमला, 27 मई। सत्ता में आने के बाद भाजपा के लिए मंहगाई की परिभाषा बदल गई है। इसी का परिणाम है कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा के जो नेता सड़कों पर प्याज की माला और सिलेंडर के कट आउट लेकर उतरते थे, उन्हें आज मंहगाई के चरम पर पहुंच जाने के बाद भी अहसास नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि डिपूओं में मिलने वाली दालें और तेल की कीमतों में की गई वृद्धि के बाद भी खाद्य आपूर्ति मंत्री राजिन्द्र गर्ग का यह कहना कि कांग्रेसी ओछी राजनीति कर रही है, सही नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस के सचिव सुंशात कपरेट ने आज शिमला से जारी बयान में कहा कि विभागीय मंत्री को पहले डिपूओं में मिलने वाली दालों व अन्य खाद्य वस्तुओं के दामों की पूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए और कांग्रेस को कोसना छोड़ उनके दामों में कमी करने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में जहां आम आदमी दो वक्त की रोटी के लिए जूझ रहा है वहीं सरकार डिपूओं में मिलने वाले सस्ते राशन के दाम बढ़ाकर उनकी कमर तोड़ने में लगी हुई है।
कपरेट ने कहा कि जब सरकार कोई राहत नहीं दे सकती है तो जनता पर मंहगाई भी न थोपे। उन्होंने कहा कि खाद्य आपूर्ति मंत्री को कांग्रेस नेताओं पर हर पल महंगाई का राग अलापने से पहले उस समय को भी याद कर लेना चाहिए था जब भाजपा के नेता विपक्ष में रहते कुछ मूल्य वृद्धि होने पर भी सड़कों पर उतर जाते थे जबकि आज संकट काल में मंहगाई आसमान छू रही है तो उसे नजर ही नहीं आ रही।