हिमाचल में जनजातीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्तव्यस्त

हिमाचल में जनजातीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्तव्यस्त

मनाली-लेह सड़क पर फंसे 87 लोग, बीआरओ ने बचाए

किन्नौर में हिन्दुस्तान-तिब्बत मार्ग दूसरे दिन भी जगह-जगह बाधित

भारी ओलावृष्टि से सेब की फसल को व्यापक नुकसान

शिमला, 22 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में अप्रैल माह में व्यापक बर्फबारी हो रही है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर सहित ऊंचाई वाले इलाकों में तीन दिन से बर्फबारी का क्रम जारी है जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बर्फबारी के कारण राज्य में 2 नेशनल हाइवे और 179 सड़कें बंद हो गई हैं। लाहौल-स्पीति में सबसे ज्यादा 140 सड़कें अवरुद्ध हैं। जनजातीय जिला लाहौल स्पिति में मनाली-लेह मार्ग पर बारालाचा दर्रे पर भारी बर्फबारी में फंसे 87 लोगों को सीमा सड़क संगठन द्वारा चलाए गए 35 घंटे के रेस्क्यू आप्रेशन में सुरक्षित बचा लिया गया। इन लोगों को बारालाचा दर्रे के दोनों ओर से रेस्क्यू कर जिनजिन बार लाया गया है। लाहौल स्पिति के उपायुक्त पंकज राय ने इन लोगों को सुरक्षित निकालने की पुष्टि की है और कहा कि बारालाचा दर्रे के पास अभी भी दस ट्रक फंसे हैं जिन्हें कल निकालने के प्रयास होंगे। हालांकि इनमें कोई व्यक्ति नहीं है।

राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में लम्बे समय बाद जमकर बादल बरस रहे हैं। राजधानी शिमला में बारिश ने 42 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। बीते 24 घण्टों में शिमला में 83 मिलीमीटर बारिश हुई है। इससे पहले वर्ष 1979 में 15 अप्रैल को शिमला में 111 मिली लीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी। शिमला में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। शिमला में देर रात जमकर बारिश और ओलावृष्टि होती रही और बारिश का दौर आज भी जारी रहा। बारिश से राजधानी में सूखे का संकट खत्म हो गया है।

इसके अलावा कुल्लू के कोठी में 67 मिलीलीटर बारिश रिकार्ड की गई। पिछले 24 घण्टों में मनाली में 61, जोगिन्दरनगर में 50, डलहौजी में 39, टिंडर औऱ बैजनाथ में 35, तीसा में 34, बंजार और छतराड़ी में 33 मिलीमीटर बारिश हुई।

उधर, उच्च पर्वतीय इलाकों में रुक-रुक कर बर्फबारी का दौर जारी है। भारी बर्फबारी से मनाली-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। लाहौल-स्पीति जिले की सभी अंदरूनी सड़कों पर भी यातायात अवरूद्ध हो गया है। केलंग में एक फुट, सीसू, जिस्पा और दारचा में डेढ़ फुट जबकि बारालाचा दर्रे पर 2 फुट से अधिक हिमपात हुआ है। उधर किन्नौर जिले के ऊपरी इलाकों में भी हिमपात हो रहा है। किन्नौर जिले के रली नामक स्थान पर बीती रात गलेशियर आने से एनएच-5 अवरुद्ध हो गया है।

किन्नौर और लाहौल-स्पीति में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। लाहौल-स्पीति का मुख्यालय केलंग राज्य का सबसे ठंडा स्थल रहा, जहां न्यूनतम तापमान -0.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इसी तरह किन्नौर के कल्पा में पारा -0.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

शिमला में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ है। इसके अलावा मनाली में 4.4, कुफरी में 4.8, डल्हौजी में 5.8, धर्मशाला में 8.8, भुंतर में 9.4, जुब्बड़हट्टी में 9.9, पालमपुर में 10, सोलन में 11.5, मंडी में 12, सुंदरनगर में 12.3, हमीरपुर में 13.4, बिलासपुर में 14 और उना में 15.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ है।

मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से प्रदेश में बारिश, बर्फबारी और ओलावृष्टि हो रही है। उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटों में प्रदेश के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में खराब मौसम का येलो अलर्ट रहेगा। मैदानी भागों में 24 से 28 अप्रैल तक मौसम साफ रहेगा। मध्य पर्वतीय व उच्च पर्वतीय इलाकों में 24 से 27 अप्रैल तक मौसम साफ रहेगा, वहीं इन हिस्सों में 28 अप्रैल को मौसम के फिर बिगड़ने के आसार हैं।