शिमला कालका रेल अब भरेगी फर्राटे
शिमला। विश्व धरोहर शिमला-कालका रेल लाईन पर रेल अब जल्द ही फर्राटे भरेगी। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस रेल लाईन पर रेल की रफ्तार बढ़ाने की घोषणा की है। इसके लिए इस रेल लाईन पर मौजूद तीखे मोड़ों को सीधा किया जाएगा। ये घोषणा उन्होंने आज शिमला में एक पत्रकार वार्ता में की। गोयल ने कहा कि इस कार्य के लिए रेलवे को सर्वेक्षण के आदेश दे दिए हैं।
गोयल ने इस रेल लाइन पर चलने वाले तमाम रेल डिब्बों को बदलने का भी ऐलान किया तथा इस रेल लाइन पर दो हॉप इन और दो हॉप ऑफ रेल कोच चलाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि शिमला-कालका रेललाईन पर नए डिजाइन के डिब्बे तैयार किए जाएंगे। इसके लिए रेलवे के अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
पीयूष गोयल ने कहा कि इस रेल लाईन पर मौजूदा रेल डिब्बों से संतुष्ट नहीं हैं। नए डिब्बों में यात्रियों की सुरक्षा का ज्यादा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि शिमला-कालका रेल लाईन को और अधिक आकर्षित बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने कई सुझाव दिए हैं जिन्हें रेल मंत्रालय ने मान लिया है। इन सभी सुझावों को 15 अगस्त, 2022 तक सिरे चढ़ा लिया जाएगा। उन्होंने शिमला-कालका रेल लाईन में सुधार के लिए अलग से अधिकारी तैनात करने की भी घोषणा की।
रेल मंत्री ने जोगिंद्रनगर-पठानकोट रेल के डिब्बे बदलने की संभावना को पता लगाने की बात कही। इस कार्य के लिए भी नए सिरे से सर्वे होगा और इस लाईन पर चलने वाली रेलगाड़ियों में भी विस्टाडोम कोच लगाए जाएंगे।
रेल मंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष के लिए हिमाचल को रेलवे विस्तार के लिए 770 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। इससे पूर्व 2014 से 2019 के बीच मोदी सरकार हिमाचल में रेलवे विस्तार के लिए औसतन 219 करोड़ रुपए हर साल दिए हैं।
पीयूष गोयल ने बिलासपुर-मनाली-लेह लाईन के हिमाचल सरकार के सपने पर भी आज विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि लेह तक रेल लाईन निर्माण संभव नहीं है। इसलिए सामरिक महत्व के इस रूट पर यातायात के अन्य साधनों की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा।
पीयूष गोयल ने कहा कि पांवटा साहिब औद्योगिक क्षेत्र के लिए अपेक्षित माल को विशेषतौर पर ध्यान में रखते हुए जगाधरी-पांवटा साहिब के बीच नई रेल लाइन के निर्माण के लिए नए सिरे से सर्वेक्षण किया जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि भान्नुपल्ली-बैरी और चण्डीगढ़ रेल लाइन के कार्य में भी तेजी लाने के लिए कदम उठाने की बात भी कही। उन्होंने भान्नुपल्ली-बैरी रेल लाइन के लिए 405 करोड़ और चण्डीगढ़-बद्दी रेल लाइन के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि चण्डीगढ़-बद्दी रेल लाइन प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बल देने में अहम भूमिका निभाएगी क्योंकि औद्योगिक इकाइयां इस रेल लाइन के सहयोग से कच्चे माल की ढुलाई करने के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर उत्पादों को आसानी से पहुंचा पाने में समर्थ होंगी।