विभिन्न रोगों से ग्रसित लोगों के उपचार की निरंतरता बनाए रखने के किए जा रहे है दृढ़ प्रयास
शिमला, 20 मई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डा. निपुण जिंदल ने कहा कि कोविड महामरी के इस सकंट के दौरान समुदाय में गैर संक्रामक रोगों (एनसीडी) विशेष रूप से मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगियों के लिए उपचार की निरंतरता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान महामारी की स्थिति के दृष्टिगत सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षकों को प्रदेश के सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में दवाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की निर्बाध आपूर्ति प्रदान करने के निर्देश जारी किए गए हैं। स्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधियों, चीनी और नमक का कम सेवन, शराब और तंबाकू से परहेज, तनाव कम करने और प्रतिरक्षा स्तर बढ़ाने के लिए पर्याप्त नींद सहित स्वस्थ जीवन शैली से संबंधित दिशानिर्देश स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी डायलिसिस इकाइयों को डायलिसिस की आवश्यकता वाले रोगियों को समय पर सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि डायलिसिस के लिए स्वास्थ्य संस्थान में पहुंचने वाले किसी भी मरीज को संबंधित स्वास्थ्य संस्थान के ट्राइएज में रखा जाएगा, जिसके बाद आरएटी या आरटी-पीसीआर के माध्यम से कोविड टेस्ट किया जाएगा। प्रयोगशालाओं को ऐसे मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाने को कहा गया है ताकि उनका समय पर उपचार शुरू किया जा सके।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, जोनल अस्पताल धर्मशाला, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, जोनल अस्पताल मंडी, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन व ऊना, जोनल अस्पताल शिमला, क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर व चंबा, नागरिक अस्पताल नूरपुर, नागरिक अस्पताल पालमपुर, नागरिक अस्पताल पांवटा साहिब, नागरिक अस्पताल सुंदरनगर और मेडिकल कॉलेज नेरचैक मंडी में पीपीपी मोड आधार पर डायलिसिस इकाइयां हैं।