विधायक संस्थान को मजबूत करने के लिए कमेटी जल्द
अफसरशाही और प्रेस की स्वतंत्रता पर भी देगी सुझाव
शिमला, 28 मार्च।
हिमाचल प्रदेश सरकार विधायक संस्थान को मजबूत बनाने को जल्द विधायकों की एक कमेटी गठित करेगी। यह कमेटी अफसरशाही और प्रेस की स्वतंत्रता में हो रहे दखल पर भी सुझाव देगी ताकि इन संस्थानों को भी मजबूत बनाया जा सके। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में भाजपा के त्रिलोक जम्वाल द्वारा प्वाइंट आफ आर्डर के तहत मामला उठाए जाने के जवाब में की। सुक्खू ने कहा कि इस कमेटी के दिशा-निर्देश और एसओपी तैयार की जा रही है। यह प्रक्रिया तैयार होते ही इसे सदन में विचार के लिए रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति के सदस्य विधानसभा के वे वरिष्ठ विधायक होंगे, जिनके पास व्यापक अनुभव और परिपक्वता है। इसी मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि समिति को शीघ्र ही अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समिति में भाजपा की ओर से विपिन सिंह परमार और अनिल शर्मा को शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। इससे पूर्व भाजपा के त्रिलोक जम्वाल ने प्वाइंट आफ आर्डर के माध्यम से मामला उठाते हुए कहा कि विधायक के पद की गरिमा बनाए रखने के मुद्दे पर विधानसभा में व्यापक चर्चा होने के बावजूद अभी तक कमेटी का गठन नहीं किया गया है। इसी मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कमेटी के गठन को लेकर मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री के बयान परस्पर विरोधी हैं। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कमेटी का गठन हुआ है या नहीं। गौरतलब है कि विधायक के पद की मर्यादा और प्रोटोकॉल में कमी के मुद्दे पर पिछले सप्ताह विधानसभा में विचार विमर्श हुआ था। सदन के सभी विधायकों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर मांग की थी कि सदन को इस मामले पर गहन विचार-विमर्श करना चाहिए, क्योंकि विधायक होने के बावजूद विधायक संस्थान कमजोर हो रहा है और विधायकों को समाज के सभी वर्गों के हमले झेलने पड़ रहे हैं।