विधायकों को झंडी लगाने का मामला
विक्रमादित्य सिंह आए जयराम के समर्थन में
शिमला, 26 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल बत्ती का कल्चर खत्म करने के बावजूद विधायकों को गाड़ियों पर झंडी लगाने की अनुमति देने के लिए आतुर हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार को सरकार के भीतर व बाहर से आलोचनाओं के बीच आज कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह का साथ मिला। विक्रमादित्य सिंह ने विधायकों को झंडी देने के जयराम ठाकुर सरकार के निर्णयों का बचाव किया और कहा कि यह मामला लम्बे समय से लंबित है। सत्तापक्ष और विपक्षी दलों की बैठक के बाद ही सरकार ने विधायकों को झंडी देने का निर्णय लिया था। ऐसे में अब इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। गौरतलब है कि जयराम ठाकुर सरकार की इस फैसले के लिए विपक्ष ही नहीं बल्कि भाजपा के लोग भी आलोचना कर रहे हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीआईपी कल्चर को खत्म करने के पक्षधर हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि
विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि झंडी के मामले में विधायकों को इस प्रकार से टारगेट करना उचित नही है। उन्होंने साफ किया कि वह वीआईपी कल्चर के खिलाफ हैं और इसके लिये सभी को एक समान नियम होने चाहिए, चाहे वह चीफ सेक्रेटरी हो, पुलिस अधिकारी हो, या कोई भी न्यायिक अधिकारी हो।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि झंडी केवल सिटिंग विधायक को ही प्रस्तावित है। इसमें उन्हें कहीं भी आने जाने में ट्राफिक में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि झंडी का मतलब वीआईपी कल्चर नही है बल्कि यह विधानसभा के सदस्य के तौर पर लोकतंत्र के स्तंभ का एक प्रतीक होगा।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से विधायक अपनी सैलरी का 30 प्रतिशत अंश कोरोना राहत कोष में दान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों को अपने सामाजिक दायित्व को भी समय समय पर पूरा करना होता है, ऐसे में उन्हें विधानसभा द्वारा दी जा रही सुविधाओं या सरकार द्वारा दिये जा रहे किसी भी प्रोत्साहन को बेवजह तूल देना उचित नहीं है और न ही इस पर कोई राजनीतिक की जानी चाहिए।