विभिन्न सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों ने अस्पताल के बाहर जताया विरोध
शिमला, 6 सितंबर। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित प्रदेश सरकार के प्रीमियर व सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी शिमला में लंगर विवाद ने और तूल पकड़ ली है। आईजीएमसी प्रशासन द्वारा अस्पताल में वर्षों से लंगर लगा रही स्वयंसेवी संस्था ऑल माइटी के लंगर का सामान उठाकर सड़क पर फेंकने और लंगर का बिजली पानी काट दिए जाने के विरोध में आज शिमला शहर के विभिन्न सामाजिक व स्वयंसेवी संस्थाओं ने आईजीएमसी के बाहर विरोध प्रदर्शन कर विरोध जताया। अस्पताल प्रशासन की इस एकतरफा कर्रवाई से गुस्साएं इन संस्थाओं के लोगों और शहरवासियों ने इस कदम को अमानवीय करार दिया और लंगर को फिर से तुरंत शुरू करने की इजाजत देने की अस्पताल प्रशासन से मांग की। इन स्वयंसेवी व सामाजिक संस्थाओं ने अस्पताल प्रशासन के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण भी करार दिया और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। इन संस्थाओं का कहना था कि ऑल माईटी संस्था की इस लंगर सेवा से हर रोज हजारों मरीज और उनके परिजन नि:शुल्क में भोजन कर रहे थे। इस कार्य में शिमला शहर के सैकड़ों लोग जिनमें महिलाएं और स्कूली बच्चे भी शामिल हैं सेवा कर रहे थे। ऐसे में इस पुण्य कार्य को जबरन बंद करना पीड़ित मानवता के साथ भद्दा मजाक है।
दूसरी ओर आईजीएमसी प्रशासन ने भी आज इस मामले में सफाई पेश की है। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. जनकराज ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि ऑल माइटी संस्था ने अस्पताल परिसर में अवैध रूप से कब्जा कर रखा था और अस्पताल के ही बिजली पानी को गैर-कानूनी ढंग से इस्तेमाल किया जा रहा था। इसीलिए अस्पताल प्रशासन को संस्था के लंगर के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने हालांकि आज नरम रुख अपनाते हुए कहा कि अस्पताल प्रशासन को लंगर चलाने पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन संस्था को ये कार्य अस्पताल प्रशासन के द्वारा निर्धारित मापदंडों के तहत करना होगा।
गौरतलब है कि ऑल माइटी ब्लेसिंग संस्था पिछले छह सालों से आईजीएमसी शिमला में मरीजों और उनकी देखभाल के लिए आए परिजनों को इस लंगर के माध्यम से मुफ्त भोजन सेवा उपलब्ध करवा रही है। शनिवार को अस्पताल प्रशासन ने संस्था पर अस्पताल परिसर में अवैध रूप से कब्जा करने और बिजली-पानी का गैर-कानूनी ढंग से इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए लंगर का सामान सड़क पर फेंक दिया तथा जिस स्थान पर लंगर चलता था वहां की बिजली पानी भी काट दिया। अस्पताल प्रशासन के इस कदम के बाद उसे लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।